
बालोद जिले में एक सनसनीखेज हत्याकांड का खुलासा हुआ है, जिसमें एक इंजीनियर पति ने अपनी शिक्षिका पत्नी की हत्या की साजिश YouTube पर क्राइम वीडियो देखकर रची थी। बालोद पुलिस ने इस मामले में मुख्य आरोपी शीशपाल वासनिक और उसके साथी कयामुद्दीन को गिरफ्तार कर लिया है। 22 मार्च 2025 को मोहला विकासखंड के शेरपार हायर सेकंडरी स्कूल में कार्यरत शिक्षिका बरखा वासनिक की मौत को शुरू में सड़क दुर्घटना माना गया था, लेकिन पुलिस की गहन जांच में यह पूर्व नियोजित हत्या निकली।
पुलिस को 22 मार्च को शाम 4.15 बजे सूचना मिली थी कि मानपुर रोड पर बजरंग बली मंदिर के पास दो स्कूटी सवार महिलाएं दुर्घटना में घायल हो गई हैं। 108 एम्बुलेंस के जरिए दोनों को चिखलाकसा के शासकीय अस्पताल ले जाया गया, जहां बरखा वासनिक की मृत्यु हो गई, जबकि दूसरी महिला मथुरा मंडावी घायल और बेहोश थी। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग रेंज राम गोपाल गर्ग के निर्देश पर पुलिस अधीक्षक योगेश पटेल और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मोनिका ठाकुर के मार्गदर्शन में जांच शुरू की गई।
जांच के दौरान शेरपार के स्कूली छात्रों ने बताया कि एक सफेद बोलेरो वाहन में सवार व्यक्ति ने स्कूल छूटने के समय और बरखा वासनिक के बारे में जानकारी ली थी। तकनीकी साधनों और गवाहों के बयानों के आधार पर पुलिस ने सुपेला, भिलाई निवासी कयामुद्दीन 24 वर्ष को हिरासत में लिया। पूछताछ में कयामुद्दीन ने खुलासा किया कि उसने शीशपाल वासनिक के कहने पर इस हत्या में उसका साथ दिया था। इसके बाद पुलिस ने मुख्य आरोपी शीशपाल वासनिक को भी गिरफ्तार कर लिया।
शीशपाल ने पूछताछ में बताया कि उसकी शादी 2016 में बरखा से हुई थी और उनके दो बच्चे हैं। शादी के बाद से दोनों के बीच लगातार विवाद होते थे, जिसके कारण बरखा अपने बच्चों के साथ दुर्ग में मायके में रह रही थी और शीशपाल के पास लौटने से इनकार कर रही थी। इससे नाराज शीशपाल ने YouTube पर क्राइम स्टोरी और पुलिस जांच से बचने से संबंधित वीडियो देखकर अपनी पत्नी की हत्या की साजिश रची। उसने कयामुद्दीन को 60,000 रुपये में इस काम के लिए तैयार किया।
साजिश के तहत शीशपाल ने अपनी लोकेशन छिपाने के लिए एक रात पहले अपने विभाग के कई मोबाइल नंबरों की सूची तैयार की और समय का उल्लेख करते हुए इसे अपने कार्यालय के स्वीपर राहुल रात्रे को सौंपा। उसने राहुल को निर्देश दिया कि 22 मार्च को तय समय पर इन नंबरों से कॉल कर सिर्फ “हाय-हैलो” बोलना है। इसके बाद दोपहर 12 बजे मोबाइल चालक मानस साहू को दे देना। मानस ने विभिन्न स्थानों से इन नंबरों पर कॉल किए, ताकि शीशपाल की लोकेशन दुर्ग में ही दिखे।
22 मार्च को सुबह 5-6 बजे शीशपाल और कयामुद्दीन बोलेरो वाहन (नंबर प्लेट हटाकर) लेकर मानपुर चौक पहुंचे। उन्होंने मानपुर रोड का रेकी किया और शेरपार स्कूल के पास स्कूल छूटने का समय और बरखा की जानकारी ली। बजरंग बली मंदिर के पास मोड़ को हत्या के लिए चुना गया। शाम 4 बजे के करीब जैसे ही बरखा की स्कूटी वहां पहुंची, शीशपाल ने कयामुद्दीन को स्कूटी को टक्कर मारने का आदेश दिया। टक्कर से बरखा और मथुरा मंडावी गिर गईं। इसके बाद शीशपाल ने बोलेरो से उतरकर लोहे की रॉड से बरखा के सिर और पीठ पर तीन-चार वार किए और दोनों आरोपी तेजी से भाग निकले। लोहे की रॉड को पास की पुलिया के नीचे फेंक दिया गया।
पुलिस ने जांच के दौरान लोहे की रॉड, बोलेरो वाहन, मोबाइल नंबरों की सूची और दोनों आरोपियों के मोबाइल जब्त किए। शीशपाल के मोबाइल की YouTube हिस्ट्री में क्राइम स्टोरी और पुलिस जांच से बचने से संबंधित कई वीडियो मिले, जिससे साफ हुआ कि उसने इन्हीं वीडियो से प्रेरणा लेकर हत्या की योजना बनाई थी। पुलिस ने इस मामले में शीशपाल वासनिक और कयामुद्दीन को गिरफ्तार कर लिया है और आगे की जांच जारी है।