गत चैंपियन फ्रांस ने मोरक्को का “स्वर्णिम अभियान” थामते हुए लगातार दूसरी बार फीफा विश्व कप फाइनल में जगह बनाई। बुधवार देर रात हुए दूसरे सेमीफाइनल मुकाबले में फ्रांस ने मोरक्को को 2-0 से हराया। विश्व कप सेमीफाइनल में पहुंचने वाली पहली अफ्रीकी टीम मोरक्को ने अपने अभियान में इससे पहले बेल्जियम, स्पेन और पुर्तगाल जैसी टीमों को उलटफेर का शिकार बनाया था। 18 दिसंबर को होने वाले फाइनल में फ्रांस का सामना अर्जेंटीना से होगा, जिसने क्रोएशिया को हराकर छठी बार खिताबी मुकाबले में जगह बनाई है। फ्रांस के पास लगातार दूसरी बार खिताब जीतकर इतिहास रचने का मौका है। अब तक केवल इटली और ब्राजील ही ये कारनामा कर चुके हैं।
अल बायत स्टेडियम में हुए मुकाबले में फ्रांस के लिए थियो हर्नांडेज और रेंडल कोलो मुआनी ने गोल दागे। पांचवें मिनट में काइलियन एमबारे के पास पर हर्नांडेज ने मैच का पहला गोल दागा। 79वें मिनट में कोच दिदिर डैशचैंप्स ने स्थानापन्न मुआनी को मैदान पर उतारा और उन्होंने गोल दाग टीम को जीत की ओर अग्रसर किया। इस गोल में भी एमबापे ने असिस्ट किया। मोरक्को को चोटिल डिफेंडर नायेफ अगुएर्ड की कमी खली और कप्तान रोमेस सेस भी 21 मिनट बाद हैमस्ट्रिंग की चोट के कारण बाहर हो गए। लेफ्ट बैक नूसैर माजराउइ भी फ्लू से जूझ रहे थे और हाफटाइम तक ही खेल सके।
2018 में फ्रांस को चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले एमबापे अगर एक और फाइनल जिताते हैं तो वह अपने पहले दो विश्व कप में ट्राफी जीतने के पेले के रिकार्ड की बराबरी कर लेंगे। कई मायनों में यह “ड्रीम फाइनल” है जिसमें फ्रांस पिछले 60 साल में लगातार दूसरी बार खिताब जीतने वाली पहली टीम बनना चाहेगी तो अर्जेंटीना मेसी को उनके अंतिम विश्व कप का तोहफा ट्राफी के तौर पर देना चाहेगी।