गोदावरी के बैक वॉटर से शबरी नदी उफान पर
– राष्ट्रीय राजमार्ग 30 पर 5 फीट पानी
रायपुर/ कोंटा। महाराष्ट्र और तेलंगाना में पिछले एक सप्ताह से हो रही मूसलाधार बारिश ने छत्तीसगढ़ में भी जन जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। बारिश के चलते प्रदेश के नदी-नाले उफान पर आ गए हैं। गोदावरी नदी के बैक वॉटर से अब सुकमा स्थित शबरी नदी उफान पर आ गई है। नदी का पानी सड़क पर आने के कारण सोमवार देर रात छत्तीसगढ़ का आंध्र प्रदेश से संपर्क टूट गया है। दोनों राज्यों को जोडऩे वाला नेशनल हाईवे-30 डूब चुका है। गोदावरी ने तेलंगाना के भद्राचलम में भयंकर रूप ले लिया था। तीन दिनों से लगातार नदी का जल स्तर बढऩे के कारण भद्राद्री कोत्तगुडम जिले के सब कलेक्टर ने तीनों वार्निंग लेवल की घोषणा कर दी थी। हालांकि गोदावरी में जल स्तर की बढ़ोतरी सोमवार शाम से धीमी हो गई है। इसके बाद प्रशासन ने मंगलवार सुबह तीसरा वार्निंग लेवल (53) फीट से कम होने के बाद वापस ले लिया है, लेकिन इसका असर पर शबरी पर दिखाई देने लगा है। शबरी में बैक वॉटर की समस्या हो गई है। जिसके कारण सुकमा के कोंटा में नदी का स्तर खतरे की घंटी के पास पहुंच गया है। इसी के चलते कोंटा और चट्टी के बीच विरापुराम पुलिया के पास नेशनल हाईवे-30 पर करीब 5 फीट पानी भर गया है। दोनों ओर से माल वाहक वाहनों और यात्री बसों की लंबी लाइन लग गई है। छत्तीसगढ़ का अंतिम छोर पर बसा कोंटा आंध्रप्रदेश और तेलंगाना बॉर्डर पर है। ऐसे में दूसरे राज्यों को जोडऩे का प्रमुख मार्ग है। बीजापुर और नारायणपुर जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है। एक सप्ताह से भारी बरसात से जूझ रहे बीजापुर जिले में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। बस्तर संभाग के ही सुकमा, दंतेवाड़ा, कोण्डागांव, बस्तर और रायपुर संभाग के महासमुंद में भी भारी से अति भारी बरसात का आरेंज अलर्ट है। मौसम विभाग की ओर से बताया गया है कि बीजापुर और नारायणपुर जिलों में एक-दो स्थानों पर गरज-चमक के साथ अति भारी बरसात की संभावना है। वज्रपात पर हो सकता है।