
उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में कालिंदी एक्सप्रेस को पलटाने की साजिश में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। फॉरेंसिक जांच में सामने आया है कि सिलिंडर इंजन के बाद 71 बार स्लीपर से टकराया था। गनीमत यह रही कि सिलिंडर फटा नहीं। अगर सिलिंडर फट जाता तो मंजर बेहद भयावह हो सकता था। इससे पहले, फॉरेंसिक टीम को जांच में पता चला था कि साजिशकर्ताओं ने घटनास्थल से ट्रैक के किनारे-किनारे काफी दूर तक ज्वलनशील पदार्थ का छिड़काव भी किया था। ताकि हादसे में उठी मामूली चिंगारी भी बड़ी आग का रूप ले सके। फॉरेंसिक टीम को मौके से ज्वलनशील पाउडर, पेट्रोल और माचिस भी बरामद हुई थी। उधर, कालिंदी एक्सप्रेस को पलटाने की साजिश रचने वालों की तलाश के बीच बुधवार को लखनऊ से फॉरेंसिक विशेषज्ञों की एक टीम घटनास्थल पहुंची। करीब दो घंटे तक चली जांच करते समय टीम ने घटना में इस्तेमाल हुए इंडेन के उसी एलपीजी सिलिंडर को ट्रैक पर रखकर पूरे घटनाक्रम का सीन रीक्रिएट किया। इस दौरान विशेषज्ञों ने पहले रेलवे ट्रैक के बीच बोल्डरों को हटाकर सिलिंडर रखा और फिर कालिंदी एक्सप्रेस की स्पीड के अनुसार टक्कर लगने के बाद घिसटते व टकराते हुए दूर जा गिरने वाले स्थानों की बारीकी जांच कर चिह्नित करते हुए नापजोख की। इस दौरान पता चला है कि इंजन से टकराने के बाद करीब पचास मीटर की दूरी के बीच सिलिंडर 71 बार ट्रैक के स्लीपरों से टकराया लेकिन फटा नहीं और फिर झाड़ियों में जा गिरा। टीम ने हर उस निशान को चिह्नित किया जहां सिलिंडर टकराया था। इसके अलावा टीम ने पेट्रोल व बारूद के मिलने वाले स्थान व साजिशकर्ताओं के रेलवे ट्रैक के किनारे के संभावित ठिकाने को लेकर भी आंकलन किया। घटना से जुड़े नक्शा नगरी तैयारी कर टीम वापस लौट गई। इस दौरान कई अन्य जांच एजेंसियों के विशेषज्ञ भी मौके पर सादी वर्दी में मौजूद रहे।