लगातार हुई बारिश के कारण गांगरेल बांध में पानी का स्तर लगातार बढ़ रहा है। हालात ऐसी है कि अब यहां 76.63 प्रतिशत पानी भर चुका है । पानी के आवक को देखते हुए खतरे के निशान पर पहुंचने की स्थिति में अतिरिक्त पानी को महानदी में छोड़ने के पहले मुख्य नहर में छोड़ने की मांग की जा रही है।
करीब पखवाड़े भर पहले ही सामयिक बरसात न होने पर किसानों की मांग के कारण केबिनेट की बैठक के बाद जल संसाधन मंत्री रवीन्द्र चौबे के निर्देश पर अन्य बांधों सहित गंगरेल का भी पट खोल महानदी मुख्य नहर सहित भाटापारा व मांढर शाखा नहर के माध्यम से किसानों को सिंचाई पानी देना शुरू किया गया था पर इसी दरम्यान इस बांध के कमांड क्षेत्र में आने वाले ग्रामों में अच्छी बारिश हो जाने व नहर पानी के व्यर्थ जाने की स्थिति को देखते हुये गंगरेल से डिस्चार्ज कम कर दिया गया था जो आज की स्थिति में 106 क्यूसेक है। इधर गंगरेल से पानी छूटने के बाद इसके केचमेंट एरिया में हुये बारिश के चलते इस बांध में जलभराव की स्थिति 76.63% है व आज की हालत में 2772 क्यूसेक पानी का आवक जारी है। पानी की आवक के चलते गंगरेल में पानी का गेज खतरे के निशान पर पहुंचने की संभावना है।
किसान संघर्ष समिति के संयोजक भूपेन्द्र शर्मा ने पानी को मुख्य नहर में छोड़े जाने की मांग की है। जिससे किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिल पाए। गौरतलब है कि इस बांध से रायपुर व बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के कमांड क्षेत्र में आने वाले ग्रामों को सिंचाई पानी मिलता है।