
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा – नवाचार जनसेवा के केंद्र में हों, पारदर्शी प्रशासन ही असली सुशासन
रायपुर, 13 अक्टूबर 2025। मंत्रालय स्थित महानदी भवन में सोमवार को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में “सुशासन संवाद” कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस संवाद में जिलों के नवाचारों की समीक्षा की गई और प्रशासनिक सुधारों पर विस्तृत चर्चा हुई।
कार्यक्रम में वन मंत्री केदार कश्यप, स्कूल शिक्षा मंत्री गजेन्द्र यादव, मुख्य सचिव विकास शील, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, सचिव राहुल भगत सहित राज्य के वरिष्ठ अधिकारी, कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक और डीएफओ मौजूद रहे।
नवाचार जनता के जीवन को सरल बनाने का माध्यम बनें – मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने कहा कि शासन के हर नवाचार का उद्देश्य नागरिक सुविधा, पारदर्शिता और दीर्घकालिक उपयोगिता होना चाहिए। उन्होंने चेताया कि नवाचार तुगलकी प्रयोग न बनें, बल्कि शासन की फ्लैगशिप योजनाओं को सशक्त करें।
मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि नवाचारों में स्थानीय नागरिकों की राय शामिल की जाए और उनके स्थायी क्रियान्वयन पर ध्यान दिया जाए।
लोक सेवा गारंटी अधिनियम पर सख्त निर्देश
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अधिनियम सरकार की सबसे महत्वपूर्ण पहल है। सभी विभाग निर्धारित समयसीमा में गुणवत्तापूर्ण सेवाएं दें, अन्यथा जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि अगली समीक्षा बैठक में यह आकलन किया जाएगा कि कितने मामलों का समय पर निराकरण हुआ और किन पर दंडात्मक कार्रवाई की गई।
कार्यालयों में अनुशासन और स्वच्छता पर बल
मुख्यमंत्री ने ‘पुराने दस्तावेज हटाओ’ अभियान की सराहना की और सभी कलेक्टरों को कार्यालयों में पारदर्शिता एवं सुव्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वर्षों पुरानी अनुपयोगी फाइलें न केवल जगह घेरती हैं बल्कि नागरिकों में गलत संदेश भी देती हैं।
ई-ऑफिस और डिजिटल गवर्नेंस की ओर निर्णायक कदम
साय ने कहा कि ई-ऑफिस प्रणाली सुशासन का मूल आधार है। सभी विभाग इसे पूरी तरह लागू करें और मैनुअल प्रक्रिया पर निर्भरता कम करें।
उन्होंने यह भी कहा कि ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल पर अधिक सेवाएं उपलब्ध कराई जाएं और नागरिकों को ऑनलाइन सेवाओं के प्रति जागरूक किया जाए।
शिकायतों के त्वरित समाधान पर जोर
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिकायतों का डिजिटल और पारदर्शी निपटान जनता के विश्वास को मजबूत करता है। सभी कलेक्टर शिकायतों को प्राथमिकता के आधार पर सूचीबद्ध करें और समाधान की स्थिति ऑनलाइन प्रदर्शित करें।
जमीनी स्तर पर फील्ड विजिट को नियमित करें
साय ने कहा कि केवल आकस्मिक निरीक्षण से प्रशासन नहीं सुधरता। योजनाओं की सच्चाई समझने के लिए नियमित फील्ड विजिट आवश्यक है।
उन्होंने कहा, “जैसे पानी की गहराई का अंदाजा उसमें उतरे बिना नहीं होता, वैसे ही योजनाओं की सफलता फील्ड में जाकर ही समझी जा सकती है।”
जिलों के नवाचारों की प्रस्तुति और कॉफी टेबल बुक का विमोचन
कार्यक्रम में रायपुर, जशपुर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर और उदंती वन अभयारण्य के नवाचार प्रस्तुत किए गए। मुख्यमंत्री ने इन पर आधारित कॉफी टेबल बुक का विमोचन किया।
जशपुर के ‘जशप्योर’ ब्रांड, दंतेवाड़ा के ब्लॉकचेन भूमि अभिलेख डिजिटाइजेशन और नारायणपुर के इंटिफाई डेटा प्लेटफॉर्म को उन्होंने उत्कृष्ट बताया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि “सुशासन कोई एक दिन का लक्ष्य नहीं, बल्कि निरंतर सुधार की प्रक्रिया है। छोटे-छोटे प्रयास ही विकसित छत्तीसगढ़ की बड़ी तस्वीर बनाएंगे।”