मनुष्य के जीवन में ऐसा समय जरूर आता है जब सारे सपने, सारी आशाएं और सारे कर्म अदृश्य हो जाते हैं, जीवन के सारे आयोजन ही बिखर जाते हैं, एक और दुख होता है और दूसरी ओर धर्म तब अधिकतर मनुष्य भयभीत हो जाते हैं और अपने मार्ग से भटक जाते हैं।
लेकिन जीवन में सफल होने के लिए आपको किसी भी परिस्थिति में धर्म का त्याग नहीं करना चाहिए, जो धर्म का त्याग नहीं करता है, ईश्वर उसकी अवश्य सहायता करते हैं। जैसे राजा हरिश्चंद्र ने किसी भी कठिन परिस्थिति में अपने धर्म का त्याग नहीं किया है तो भगवान ने उनकी सहायता की है। इसी प्रकार मनुष्य को अपने मार्ग से नहीं भटकना चाहिए, कठिन परिस्थिति और दुःख मनुष्य जीवन का एक भाग है, इस पर विजय पाने के लिए आपको इनसे लड़ने की आवश्यकता है।