महिला आयोग ने की सुनवाई
दुर्ग। आज राज्य महिला आयोग के सामने कुल 25 प्रकरण आए थे। जो कि मानसिक प्रताड़ना, दहेज प्रताड़ना, भरण पोषण और संपत्ति विवाद से संबंधित थे। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक तथा सदस्यगण डॉ. अनीता रावटे एवं अर्चना उपाध्याय ने लोगों की समस्याएं सुनी और निराकरण किया। डॉ. किरणमयी नायक और सदस्यों ने आज मौके पर ही एक आवेदक के प्रकरण का निराकरण कर आवेदक और अनावेदक दोनों को संतुष्ट किया। जिसमें आवेदक, अनावेदकगण से दो साल के आरटीआई का राशि चाहती थी। 1.5 लाख रूपए की राशि 2 किस्तों में प्राप्त होनी थी। महिला आयोग ने प्रकरण के समीक्षा करते हुए मौके पर ही 75 हजार रूपए की राशि चेक के माध्यम से आवेदक को दिलाई। बकाया राशि के लिए भी अनावेदक से सहमति दिलवाई। जिसमें अनावेदक ने शासन से राशि मिलने पर तुरंत बकाया राशि देने की बात कही। चंद मिनटों के अंदर ही अध्यक्ष द्वारा लिया गया यह फैसला उनकी दक्षता को प्रदर्शित करता है। इस निर्णय की खासियत यही है कि इसमें दोनों पक्ष संतुष्ट और सहमत थे।
एक अन्य प्रकरण में अनावेदक ने बताया है कि 25 जनवरी 2022 से काम नही कर रहा है। उनके विरोध झूठी शिकायत हुई है आयोग द्वारा समझाईश दिये जाने पर अनावेदक पक्ष ने अपनी गलती नही होते हुए भी माफी मांगा गया है। इस प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया।
एक अन्य प्रकरण में शादी के बाद ढाई साल पति पत्नी अलग-अलग रहे थे। आवेदिका 8 साल से अपने मायके में रह रही है। दोनो का साथ रहने की सभावना नहीं है। इस प्रकरण में भी सुनवाई हुई।जनसुनवाई में प्राप्त प्रकरणों को लेकर डॉ. किरणमयी नायक ने कहा उनकी कोशिश रहती है कि सभी प्रकरणों पर प्रभावी कार्यवाही हो और लोगों को समयबद्ध ढंग से न्याय मिले।