केंद्र की मोदी सरकार ने 300 आइटी स्टार्टअप को मदद के लिए एक कार्यक्रम की शुरू की है। समृद्ध कार्यकम्र के तहत इलेक्ट्रानिक्स और आइटी मंत्रालय की ओर से चयनित स्टार्ट अप को 40 लाख रुपये तक का सीड फंड दिया जाएगा। साथ ही छह महीने तक उन्हें मार्गदर्शन भी प्रदान किया जाएगा। सरकार का लक्ष्य चयनित स्टार्ट अप में से 100 को यूनीकार्न स्टार्ट अप में परिवर्तित करने का है।
यूनीकार्न उन कंपनियों को बोला जाता है, जिनका मार्केट कैप एक अरब डालर होता है। इलेक्ट्रानिक्स और आइटी मंत्रालय की विशेष सचिव ज्योति अरोड़ा ने कहा कि प्रोडक्ट इनोवेशन, डेवलपमेंट और ग्रोथ (समृद्धि) के लिए स्टार्टअप एक्सेलेरेटर की अवधारणा को सिलिकान वैली स्थित एक्सेलेरेटर वाईकांबीनेटर की तर्ज पर तैयार किया गया है।
आइटी और टेलीकाम मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, ‘मैं 20 से अधिक स्टार्टअप का मार्गदर्शन कर चुका हूं। उन्हें उस समय सबसे अधिक मदद की जरूरत होती है जब आइडिया उत्पाद में परिवर्तित होना शुरू होता है। इस जरूरत को हम बहुत अच्छी तरह से समझते हैं।” उन्होंने कहा कि स्टार्टअप के लिए फंड की कमी कोई बड़ा मुद्दा नहीं है। आइडिया को वास्तविक उत्पाद में बदलने का अभाव या किसी आइडिया को उद्यम में बदलने के लिए आवश्यक कौशल को एकत्रित करने की कमी अधिकांश स्टार्टअप के लिए एक बड़ी चुनौती है। अगर हम इस दिशा में स्टार्ट-अप को ले जाने में सक्षम हैं तब शायद हमारी पूंजी को बढ़ने से कोई नहीं रोक सकेगा।