महंगाई को नीचे लाने की रिजर्व बैंक आफ इंडिया (आरबीआई) की कोशिश मध्यम वर्ग पर भारी पड़ती दिख रही है। बुधवार को देश में होम लोन बांटने वाली प्रमुख कंपनी एचडीएफसी और दूसरे सबसे बड़े बैंक पीएनबी ने अपने कर्ज की दरों को बढ़ा दिया। एचडीएफसी ने होम लोन पर लागू प्रमुख उधारी दर में 0.05 प्रतिशत की वृद्धि की है। इसका सीधा मतलब यह हुआ कि एचडीएफसी से फ्लोटिग दर पर होम लोन लेने वाले सभी ग्राहकों पर मासिक किस्त का बोझ थोड़ा ही सही, लेकिन बढ़ेगा जरूर। नए ग्राहकों के लिए भी पहले के मुकाबले होम लोन लेना महंगा होगा। वैसे 0.05 प्रतिशत की वृद्धि का असर मामूली ही होगा और ज्यादातर ग्राहकों के लिए बैंक लोन की अवधि में वृद्धि कर इसे समायोजित कर सकता है।
वहीं पीएनबी ने सभी तरह के कर्ज की दरों को प्रभावित करने वाली दर एमसीएलआर (मार्जिनल कास्ट बेस्ड लेंडिग रेट) को 0.15 प्रतिशत बढ़ाने का एलान किया है। कर्ज की ये दरें एक जून से लागू होंगी। अब जिन ग्राहकों ने पीएनबी से एमसीएलआर के आधार पर कर्ज लिया होगा उनकी मासिक किस्त बढ़ जाएगी। अमूमन फ्लोटिग दर वाली सभी कर्ज स्कीमों पर इसका असर होगा। मई, के शुरुआत में आरबीआई की तरफ से अचानक ही कर्ज की दरों को तय करने वाली वैधानिक दर यानी रेपो रेट में 0.40 प्रतिशत की वृद्धि करने के बाद आईसीआईसीआई, एसबीआई समेत दूसरे तमाम बड़े बैंक और वित्तीय संस्थान अपनी कर्ज की दरों को बढ़ा चुके हैं। मौद्रिक नीति तय करने वाली समिति की बैठक पांच जून से शुरू होगी और माना जा रहा है कि सात जून को फिर से रेपो रेट में वृद्धि का फैसला होगा। इससे बैंकों पर कर्ज को महंगा करने का दबाव और बढ़ेगा।