
सतना। सतना में 79वें स्वतंत्रता दिवस पर केंद्रीय जेल सतना सहित विभिन्न जेलों से 17 बंदियों को रिहा किया गया। इनमें सबसे खास रिहाई चार सगे भाइयों की रही, जो एक साथ जेल से बाहर आए। ये चारों भाई न केवल आजाद हुए बल्कि जेल में रहकर मेहनत से कमाई गई रकम के साथ लखपति बनकर घर लौटे। बता दें कि कृपाल यादव, भागवत यादव, गोपाल यादव और राजू यादव छतरपुर जिले के छुलहा पुरवा गांव के निवासी हैं। साल 2010 में उनका विवाद पड़ोसी टिकरी गांव के लोधी परिवार से जमीन को लेकर हुआ था। विवाद इतना बढ़ा कि दोनों पक्षों में मारपीट हो गई और लोधी परिवार के दादू लोधी, राजाराम लोधी और राम लोधी की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। इस मामले में कोर्ट ने 8 अगस्त 2012 को चारों भाइयों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। तब से वे सतना की केंद्रीय जेल में सजा काट रहे थे। अब 13 साल बाद 15 अगस्त को उन्हें रिहा किया गया।जेल में रहकर उन्होंने विभिन्न कार्यों में हिस्सा लिया और पारिश्रमिक के रूप में करीब 3 लाख रुपये अर्जित किए। इनके अलावा रिहा हुए दो अन्य कैदी दडोली जोशी और राजेश मावसी भी लखपति बनकर जेल से रिहा हुए। यह राशि जेल प्रशासन ने रिहाई के समय उन्हें प्रदान की।इनके अलावा केंद्रीय जेल के दो अन्य बंदी भी लखपति बनकर निकले। जेल में बंदियों से विभिन्न प्रकार का काम कराया जाता है, जिसके बदले उन्हें वेतन के रूप में यह रकम दी जाती है।