अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट आफ हेल्थ (एनआइएच) व उसके सहयोगी संस्थानों के शोधकर्ताओं का दावा है कि हृदय रोग व उच्च रक्तचाप के इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली एक दवा शराब सेवन के कारण होने वाली बीमारियों पर भी कारगर हो सकती है। चूहों के साथ-साथ मनुष्यों के समूह पर हुए अध्ययनों से प्राप्त साक्ष्यों के आधार पर शोध पत्र में दावा किया गया है कि स्पिरोनोलैक्टोन नामक दवा लोगों को शराब की लत छुड़वाने में भी मददगार हो सकती है।
एनआइएच के नेशनल इंस्टीट्यूट आन ड्रग एब्यूज (एनआइडीए) व नेशनल इंस्टीट्यूट आन अल्कोहल एब्यूज एंड अल्कोहलिज्म (एनआइएए) तथा कनेक्टिकट के न्यू हैवन स्थित येल स्कूल आफ मेडिसिन के संयुक्त नेतृत्व में हुए हालिया अध्ययन का निष्कर्ष मालिक्युलर साइकियाट्री नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।
अध्ययन के वरिष्ठ लेखक व एनआइडीए से जुड़े विशेषज्ञ लोरेंजो लेगियो के अनुसार, “तीन शोध परियोजनाओं के परिणामों के विश्लेषण व उससे प्राप्त जानकारियों के आधार पर हमें लगने लगा था कि हम एक नई चिकित्सा प्रणाली के विकास की दिशा में पहल कर चुके हैं। हमारा अध्ययन शराब छुड़वाने और अल्कोहल से होने वाली बीमारियों के इलाज में स्पिरोनोलैक्टोन के इस्तेमाल संबंधी व्यापक शोध का समर्थन करता है और उसके लिए नया रास्ता तैयार करता है।”