नई दिल्ली। गुजरात और महाराष्ट्र में बारिश कहर बरपा रही है। अहमदाबाद समेत दक्षिण और सेंट्रल गुजरात के कई भागों में पिछले 24 घंटे की भारी बारिश ने बाढ़ जैसी स्थिति पैदा कर दी है। वहां से करीब 6000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। भारी बारिश की वजह से नैशनल हाइवे समेत 388 रास्ते बंद हो गए हैं। जलस्तर बढऩे की वजह से 13 बांधों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। उधर, महाराष्ट्र के नासिक में सोमवार को भारी बारिश की वजह से कई नदियों का जलस्तर बढ़ गया और कई मंदिर डूब गए। सबसे ज्यादा प्रभावित वलसाड और छोटा उदयपुर जिलों के शहरी और ग्रामीण इलाकों में तबाही के दृश्य सामने आने लगे। भयंकर रूप से बहने वाली नदियों ने घरों, दुकानों में पानी भर दिया और बड़ी संख्या में पशुओं की मौत भी हुई है।
घरों के अंदर तैरता नजर आया सामान
लोगों के घरों में पानी भरने से असहाय रूप से वे अपने कीमती सामान और सामान को नष्ट होते देखा। घरों के अंदर सामान पानी में डूब गया या तैरता नजर आया। बारिश से सबसे ज्यादा प्रभावित छोटा उदेपुर, वलसाड, नर्मदा, सूरत और तापी जिले हैं। यहां 6,000 से अधिक लोगों को बचाया गया है, 15 एनडीआरएफ की टीमें और 16 एसडीआरएफ की टीमों को लगाया गया है।
एयरलिफ्ट किए गए लोग
वलसाड जिले में, औरंगा नदी में बाढ़ के कारण छत पर फंसे होने के कारण एक गांव के 16 लोगों को एयर लिफ्ट करना पड़ा।
अहमदाबाद में टूटे बारिश के रेकॉर्ड
अहमदाबाद नगर निगम (एएमसी) के आंकड़ों के अनुसार, पलड़ी में रात 11 बजे तक 302 मिमी, उस्मानपुरा में 205 मिमी, मकतमपुरा में 206 मिमी, बोदकदेव में 203 मिमी, जोधपुर में 203 मिमी, बोपल में 185 मिमी, मणिनगर में 164 मिमी और रानिप में 133 मिमी बारिश दर्ज की गई।
तीन घंटे में बरस गया मॉनसून का 15 प्रतिशत पानी
अहमदाबाद में केवल एक शाम में मौसम की लगभग 15 प्रतिशात वर्षा 782 मिमी दर्ज की गई। राज्य के राजमार्गों और गांव की सड़कों सहित लगभग 388 सड़कों को बंद कर दिया गया क्योंकि वे बह गए थे। 13 बांधों को ‘हाई अलर्ट और आठ को ‘अलर्ट पर रखा गया है क्योंकि भारी बारिश के कारण उनका जल स्तर बढ़ गया है।
बहे रेलवे ट्रैक,थमी ट्रेनों की रफ्तार
गुजरात में भारी बारिश के कारण रेलवे की परेशानी बढ़ गई है। अहमदाबाद से केवडिय़ा जाने वाली ट्रेन को बीच रास्ते रोकना पड़ा। यहां भारी बारिश के कारण पटरियों के नीचे से गिट्टी बह गई है। बिलिमोरा से गांवदेवी स्टेशन के बीच पटरियों पर जलजमाव हो गया। इसके कारण तीन ट्रेनें रद्द करनी पड़ीं।
24 घंटे के अंदर 8 की मौत
सोमवार सुबह तक पिछले 24 घंटों में आठ लोगों की जान चली गई। अधिकांश मौतें (33) बिजली गिरने के कारण हुईं। सोलह डूबे, आठ दीवार गिरने से, छह पेड़ गिरने से और एक बिजली का पोल गिरने से मारे गए।
नासिक में डूबे कई मंदिर
महाराष्ट्र में नासिक सहित कई जिलों की नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। गोदावरी नदी में उफान के कारण नासिक में कई मंदिर डूब गए हैं। सोमवार को सुबह 3 बजे गंगापुर बांध से 10,035 क्यूसेक, डरना से 15,088 क्यूसेक, कडवा से 6,712 और नंदूर-मध्यमेश्वर से 49,480 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। नासिक शहर में जलापूर्ति करने वाले गंगापुर बांध से पानी छोड़े जाने से गोदावरी नदी में जलस्तर बढ़ गया तथा दशक्रिया विधि समेत रामकुंड क्षेत्र में कई छोटे मंदिर पानी में डूब गए।
नासिक में 24 घंटे के अंदर 68.4 एमएम बारिश
पिछले 24 घंटे में नासिक जिले में औसतन 68.4 मिलीमीटर वर्षा हुई तथा सबसे अधिक वर्षा सुरगना में 238.8 मिलीमीटर, पेठ में 187.6 मिलीमीटर और त्र्यंबकेश्वर में 168 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। पुणे जिले में प्रसिद्ध भीमाशंकर मंदिर मार्ग पर सोमवार तड़के भूस्खलन हो गया। मलबे में कोई फंसा नहीं है और न ही कोई घायल हुआ है। बताया जा रहा है कि पोखरी घाट पर भूस्खलन हुआ। मलबे के कारण घोडेगांव-भीमाशंकर मार्ग आंशिक रूप से बाधित हो गया। थोड़े समय के बाद वाहनों की आवाजाही के लिए मार्ग खोल दिया गया। 6 पर्यटकों को वहां से सुरक्षित निकाल लिया गया है।