
अडाणी समेत कई दिग्गज कंपनियों की कथित पोल खोलने वाली अमेरिकी शॉर्ट-सेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च बंद होने जा रही है। कंपनी के फाउंडर नाथन एंडरसन ने इस फैसले का ऐलान किया। एंडरसन ने X पर पोस्ट करते हुए कहा, हमने जो भी लक्ष्य तय किए थे, वह पूरे हो चुके हैं। अब कंपनी को बंद करने का समय आ गया है। इस फैसले के पीछे कोई निजी या स्वास्थ्य संबंधी समस्या नहीं है।
हिंडनबर्ग रिसर्च ने 2017 में शुरुआत की थी। इसके बाद कंपनी ने कई बड़ी रिपोर्ट्स पेश कीं। इनमें अडाणी ग्रुप और इकान इंटरप्राइजेज के खिलाफ की गई रिपोर्ट्स ने सनसनी मचा दी थी। अगस्त 2024 में हिंडनबर्ग ने SEBI चीफ माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच की अडाणी ग्रुप से जुड़ी ऑफशोर कंपनियों में हिस्सेदारी थी।इस रिपोर्ट ने भारत में एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया था। इन खुलासों से अडाणी ग्रुप की मार्केट वैल्यू में अरबों डॉलर की गिरावट आई थी।
हिंडनबर्ग रिसर्च का नाम 1937 में हुए हिंडनबर्ग एयरशिप हादसे पर रखा गया है। एंडरसन ने इस घटना से प्रेरित होकर कंपनी का नाम रखा था। उस समय जर्मनी का एक हवाई जहाज ‘हिंडनबर्ग’ क्रैश हो गया था, जिसमें 35 लोगों की मौत हो गई थी। एंडरसन का कहना है कि यह नाम रखने का मकसद फाइनेंनशियल वर्ल्ड में हो रही अनियमितताओं और घोटालों को उजागर करना था, ताकि भविष्य में ऐसे ‘क्रैश’ रोके जा सकें।