क्रोध व चिड़चिड़ापन की वैसे तो कई वजहें हो सकती हैैं, लेकिन अगली बार जब आपके सामने ऐसी स्थिति पैदा हो तो अपनी भूख पर भी गौर करना बेहतर रहेगा। वैसे भूख के कारण चिड़चिड़ापन व क्रोधित होने की बात तो आमजीवन में भी काफी प्रचलित है, लेकिन अबतक इस तथ्य का प्रयोगशाला के बाहर वैज्ञानिक परीक्षण नहीं हुआ था।
ब्रिटेन स्थित एंग्लिया रस्किन यूनिवर्सिटी (एआरयू) और आस्ट्रिया स्थित कार्ल लैंडस्टीनर यूनिवर्सिटी आफ हेल्थ साइंसेज के शिक्षाविदों के नेतृत्व में हुए एक हालिया अध्ययन में पाया गया कि भूख के कारण जहां क्रोध व चिड़चिड़ापन में वृद्धि होती है, वहीं इसके कारण आनंद में भी खलल पैदा हो सकता है। अध्ययन में यूरोप के 64 वयस्कों को शामिल किया गया। 21 दिनों तक प्रतिभागियों के भूख के स्तर व भावनात्मक स्वास्थ्य को विभिन्न् पैमानों पर मापा गया। एक मोबाइल फोन आधारित एप में प्रतिभागियों को अपने भूख के स्तर और भावनाओं को रोजाना पांच बार दर्ज कराने के लिए कहा गया।
इस दौरान शोधकर्ताओं ने पाया कि भूख के कारण चिड़चिड़ापन मेें 37 प्रतिशत व क्रोध में 34 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि आनंद में 38 प्रतिशत की कमी आई। यही नहीं, भूख के कारण नकारात्मक भावनाएं भी पैदा हुईं। अध्ययन के प्रमुख लेखक व एआरयू में सामाजिक मनोविज्ञान के प्रोफेसर वीरेन स्वामी के अनुसार, ‘अपने तरह के इस पहले अध्ययन में पाया गया कि भूख, क्रोध व चिड़चिड़ापन बढ़ाने तथा आनंद को कम करने के लिए भी जिम्मेदार हो सकती है।”