कोरोना की दूसरी लहर में लाखों लोगों की जान गई थी। इस महामारी से भारत भी अछूता नहीं रहा। एक ताजा अध्ययन के अनुसार, जिन लोगों में पूर्व संक्रमण और टीकाकरण से उत्पन्न् हाइब्रिड इम्युनिटी होती है उन्हें केवल टीके से विकसित इम्युनिटी वाले लोगों की अपेक्षा गंभीर कोविड बीमारी होने या अस्पताल में भर्ती होने की बहुत कम जरूरत पड़ती। हाइब्रिड इम्युनिटी वाले लोग टीकाकरण के 12 महीने बाद तक संक्रमण से सुरक्षित रह सकते हैं।
हाइब्रिड इम्युनिटी का मतलब सार्स-कोव-2 संक्रमण और टीकाकरण के संयोजन से विकसित हुई इम्युनिटी है। लैंसेट के नए अध्ययन के अनुसार, हाइब्रिड इम्युनिटी वाले व्यक्तियों में उन लोगों की तुलना में सुरक्षा का उच्चतम स्तर होता है, जिनका टीकाकरण हुआ लेकिन जो कभी संक्रमित नहीं हुए।
अध्ययन में कहा गया है कि टीके की पहली खुराक के साथ विकसित हाहब्रिड इम्युनिटी एक साल तक गंभीर कोविड होने या अस्तपाल में भर्ती होने की संभावना को 97.4 प्रतिशत तक कम कर सकती है। दोबारा संक्रमण के खिलाफ केवल हाइब्रिड इम्युनिटी की प्रभावशभ्श्रााीलता 12 महीनों में 41.8 प्रतिशत थी। देश में अब तक 4.46 करोड़ लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं और संक्रमण से साढ़े पांच लाख लोगों से अधिक की जान गई है।