एक नए शोध के मुताबिक जिन लोगों को टाइप-2 डायबिटीज और पहचानने में परेशानी व भूलने की बीमारी होती है, उनको डायबिटीज के अन्य मरीजों के मुकाबले स्ट्रोक (मस्तिष्काघात), हार्ट अटैक (हृदयाघात) या मौत का खतरा अधिक रहता है। यह श्ाोध क्लिनिकल एंडोक्रिनोलाजी एंड मेटाबालिज्म के एंडोक्राइन सोसाइटी जर्नल में प्रकाशित किया गया है। शोधकर्ताओं के मुताबिक संज्ञान संंबंधी दोष वह होता है जब एक व्यक्ति को कुछ याद रखने में परेशानी महसूस होती है। वह ध्यान नहीं लगा पाता और नियमित दिनचर्या के फैसले लेने में भी परेशानी होती है। अमेरिका में एक करोड़ साठ लाख लोग संज्ञान संबंधी दोष से जूझ रहे हैैं। बढ़ती उम्र वालों के ऐसे दोष के लिए खतरा और भी बड़ा है। संज्ञान में परेशानी हल्के से तीव्र लक्षणों तक देखी जा सकती है जो आगे चलकर अल्जाइमर्स का भी रूप ले लेती है। डायबिटीज टाइप-2 के ऐसे 8,772 रोगियों पर पांच साल तक किए शोध के दौरान पाया गया कि इनमें हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा अत्यधिक होता है। इससे इनकी मौत भी हो सकती है।