बिहार में किन्नरों को भी सिपाही की नियुक्ति में मौका मिल सकता है। पटना हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को हलफनामा दायर यह जानकारी देने को कहा कि सिपाही नियुक्ति में किन्नरों को मौका क्यों नहीं दिया जा रहा। दरअसल इस पद के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 15 दिसंबर है। आवेदन फार्म में केवल पुरुष और महिला श्रेणी दी गई है। इसके खिलाफ दायर जनहित याचिका पर मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय खंडपीठ सुनवाई कर रही। खंडपीठ ने 22 दिसंबर तक राज्य सरकार को जवाब दायर करने का निर्देश दिया है।
मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायाधीश एस कुमार की खंडपीठ ने सोमवार को वीरा यादव की लोकहित याचिका पर सुनवाई की। याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत को बताया कि राज्य में सिपाही बहाली के आवेदन में किन्नरों (ट्रांस जेंडर) के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया है। इस कारण आवेदन करने के इच्छुक किन्नर वंचित हो रहे हैं। वहीं राज्य सरकार के अधिवक्ता अजय ने दलील दी कि चूंकि यह नीतिगत मामला है, लिहाजा सरकार को जवाब देने के लिए समय दी जाए। अदालत ने दलील को स्वीकार करते हुए हलफनामा दायर करने के लिए 22 दिसंबर तक की मोहलत दे दी है। हालांकि उससे पहले आवेदन जमा करने की तिथि खत्म हो जा रही। राज्य में सिपाही के 8415 पदों पर बहाली होनी है, जिसमें 35 प्रतिशत पद महिलाओं के लिए आरक्षित हैं।