बिहार सैन्य पुलिस (बीएमपी) की गोरखा वाहिनी में सुबह ताबड़तोड़ पांच राउंड फायरिंग होने के बाद हड़कंप मच गया। फायरिंग की आवाज सुनकर जवान बैरक की ओर दौड़े तो महिला सिपाही वर्षा पितुंग ताना और जवान अमर सुब्बा मृत मिले। प्रारंभिक जांच के बाद मामला प्रेम-प्रसंग का बताया जा रहा है।
पटना के फुलवारीशरीफ वेटनरी कॉलेज परिसर में बीएमपी-1 का कैंप है। वहां 36 वर्षीय अमर सुब्बा ने पहले 26 वर्षीया वर्षा को गोली मारी, फिर खुद को भी उड़ा लिया। दोनों जवान बंगाल के दार्जिलिंग के रहने वाले थे। वर्षा को चार और अमर को एक गोली लगी है और दोनों ही शादीशुदा थे। इस बीच बैरक इंचार्ज लील बहादुर थापा के बयान पर जवान अमर सुब्बा के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है।
एसएसपी उपेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि मामले की छानबीन की जा रही है। एसएफएल की टीम ने भी मौका-मुआयना कर जांच शुरू कर दी है। अमर और वर्षा के साथियों से पुलिस अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं। जवानों का कहना है कि जब वर्षा की बैरक में अमर घुसा तो वहां दूसरी महिला नहीं थीं, जबकि कमरे में सात-आठ महिला जवान रहती हैं। एसएसपी ने इस पर कुछ कहने में असमर्थता जताई कि महिला रेस्ट रूम में पुरुष जवान आखिर कैसे पहुंच गया?
अमर सुब्बा का महिला सिपाही वर्षा के साथ प्रेम-प्रसंग चल रहा था। वर्षा को पता चला कि अमर शादीशुदा है। इस बीच प्रेम-प्रसंग की चर्चा पूरे बीएमपी परिसर में होने लगी थी। धीरे-धीरे यह बात अमर की पत्नी दीपा तक भी पहुंच गई। दीपा ने अमर के मोबाइल से वर्षा का नंबर लेकर उससे बात भी की थी। दीपा से बात होने के बाद वर्षा अमर से कतराने लगी थी। दरअसल, वर्षा भी शादीशुदा थी। इससे अमर परेशान रहने लगा था। वह कुछ दिनों से डिप्रेशन में भी था और दवा खा रहा था। पोस्टमॉर्टम के दौरान पहुंची अमर की पत्नी दीपा ने बताया, वर्षा ने दो दिन पहले ही फोन कर उससे अपनी गलतियों के लिए क्षमा मांगी थी।