
रायपुर। छत्तीसगढ़ छोटा राज्य होने के बावजूद कोरोना मरीजों की संख्या चिंताजनक है। सरकार ने कोरोना नियंत्रण के लिए लॉकडाउन लगाया है, इससे संक्रमण का चक्र निश्चित टूटेगा लेकिन लोगों को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। वायरस की दवा अभी सावधानी है, लोग नासमझी ना करें। यह अपील एम्स डायरेक्टर डॉ. एम नितिन नागलकर ने की है। उन्होंने कहा कि क्रिटिकल मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। यह लोगों की लापरवाही का नतीजा है। पहले दिन में 2-3 क्रिटिकल मरीज आते थे और अब दिन में 60-70 मरीज आ रहे हैं। रायपुर एम्स के डॉरेक्टर डॉ एम नितिन नागलकर ने कहा कि कोरोना के शुरूआती दौर में राज्य की स्थिति कुछ और थी आज तस्वीर तेजी से बदल रही है। पहले भी मरीज मिल रहे थे, तब संख्या कम थी, अब ज्यादा मरीज मिल रहे हैं। क्रिटिकल मरीजों की संख्या में भी तेजी से बढ़ रही है। थोड़ी राहत की बात है कि मृत्यु दर एक प्रतिशत से कम है।
लॉकडॉउन में लोग अपनी जिम्मेदारी समझें
लॉकडॉउन में लोगों को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी, अब अपनी जान की परवाह खुद को करना होगा, क्योंकि आज भी कोरोना की सबसे बेहतर दवा सावधानी ही है, दवा आने में अब भी टाईम है, लॉकडॉउन में लोग ए़डवायजरी का पालन करे तो निश्चितरूप से कोरोना चक्र टूटेगा, संक्रमण का फैलाव रूकेगा। लोगों से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना के इस जंग में हम सबकी की महत्वपूर्ण भूमिका है। सरकार अपनी जिम्मेदारी उठा रही है। डॉक्टर अपनी जान हाथों में लेकर अपने कर्तव्य पूरा कर रहे हैं। लोगों को समझना होगा जब तक लोग नहीं समझेंगे, तब तक कोरोना के जंग में जीत हासिल नहीं हो सकता।