चीन सीमा के सभी संवेदनशील क्षेत्रों में भारतीय सेना आक्रामक रुख जारी रखेगी। यह संकेत सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे ने दिए। वह गुरुवार पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ बढे़ सीमा तनाव के बीच लद्दाख पहुंचे। यहां उन्होंने साउथ पैंगोंग समेत अन्य जगहों के हालात के बारे में जानकारी ली।
पूर्वी लद्दाख के दो दिवसीय दौरे पर सेना प्रमुख नरवणे को शीर्ष कमांडर क्षेत्र की मौजूदा स्थिति से अवगत कराएंगे। इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्वी लद्दाख में स्थिति की व्यापक समीक्षा की थी। इस सिलसिले में चली बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे, वायु सेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया सहित अन्य शामिल हुए थे।
दो घंटे चली बैठक में यह निर्णय लिया गया कि भारतीय सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ सभी संवेदनशील क्षेत्रों में अपना आक्रामक रुख जारी रखेगी ताकि चीन के किसी भी ‘दुस्साहस’ से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके।
गौर हो कि पूर्वी लद्दाख में चीन की उकसाने वाली कार्रवाई को नाकाम करने के कुछ दिनों बाद भारत ने पैंगोंग त्सो इलाके के दक्षिणी तट पर कम से कम तीन महत्वपूर्ण पर्वत चोटियों पर अपनी उपस्थिति और मजबूत की है। एलएसी के भारतीय सीमा के अंदर पैंगोंग झील के उत्तरी तट पर भी एहतियाती उपायों के तहत सैनिकों की तैनाती में कुछ बदलाव किए गए हैं। इलाके में तनाव बना हुआ है।