खुदरा महंगाई के बाद अब मार्च की थोक महंगाई दर भी बढ़ोतरी के साथ 14.55 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच गई। मुख्य रूप से कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस, खनिज पदार्थ और धातुओं की थोक कीमतों में होने वाली बढ़ोतरी से मार्च की थोक महंगाई दर पिछले चार महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंची है। मार्च में खाद्य वस्तुओं की थोक महंगाई दर 8.06 प्रतिश्ात रही जो इस साल फरवरी के मुकाबले कम है। इस साल फरवरी में खाद्य वस्तुओं की थोक महंगाई दर 8.19 प्रतिशत थी।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक ईंधन और ऊर्जा की थोक कीमतों में मार्च महीने में पिछले साल मार्च के मुकाबले 34.52 प्रतिशत की बढ़ोतरी रही। एलपीजी के थोक दाम में पिछले साल मार्च के मुकाबले 24.88 प्रतिशत, पेट्रोल के थोक दाम में 53.44 प्रतिशत तो डीजल में 52.22 प्रतिशत का इजाफा हुआ। मैन्यूफैक्चर्ड उत्पादों के थोक दाम में इस साल मार्च में पिछले साल मार्च के मुकाबले 10.71 प्रतिशत की बढ़ोतरी रही। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक मार्च महीने में गेहूं के थोक दाम में पिछले साल मार्च के मुकाबले 14.04 प्रतिशत, आलू के थोक दाम में 24.62 प्रतिशत तो सब्जी के थोक भाव में 19.88 प्रतिशत की बढ़ोतरी रही। फल के थोक दाम में भी 10 प्रतिशत से अधिक का इजाफा रहा। हालांकि मार्च में प्याज के थोक दाम में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 9.33 प्रतिश्ात की गिरावट रही। इस साल मार्च महीने की खुदरा महंगाई दर 6.95 प्रतिशत रही जो पिछले 17 महीनों में सबसे अधिक है।
पिछले छह महीनों में थोक महंगाई दर
अक्टूबर, 2021 —— 13.83 फीसद
नवंबर 2021 ——– 14.87 फीसद
दिसंबर 2021 ——14.27 फीसद
जनवरी 2022 ——13.68 फीसद
फरवरी 2022 ——13.11 फीसद
मार्च 2022 ———14.55 फीसद
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स्रोत: वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय