इसरो ने इनसैट-3डीएस को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से लांच किया गया। इनसैट-3 डीएस उपग्रह भूस्थैतिक कक्षा में स्थापित किए जाने वाले तीसरी पीढ़ी के मौसम विज्ञान उपग्रह का अनुवर्ती मिशन है, और यह पूरी तरह से पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा वित्त पोषित है। इस सैटेलाइट से भारत के लिए मौसम की सटीक जानकारी जुटाना आसान होगा।
गत एक जनवरी को पीएसएलवी-सी58/एक्सपोसैट मिशन के सफल प्रक्षेपण के बाद 2024 में इसरो का यह दूसरा मिशन है। इस उपग्रह का भार 2,274 किलोग्राम है। यह पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत विभिन्न विभागों-भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी), राष्ट्रीय समुद्र प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईओटी), राष्ट्रीय मध्यम अवधि मौसम पूर्वानुमान केंद्र और भारतीय राष्ट्रीय समुद्र सूचना सेवा केंद्र को सेवा प्रदान करेगा। उपग्रह को ले जाने वाले रॉकेट की लंबाई 51.7 मीटर है।
इसरो ने कहा कि मिशन के प्राथमिक उद्देश्य पृथ्वी की सतह की निगरानी करना, मौसम संबंधी महत्व के विभिन्न वर्णक्रमीय चैनलों में समुद्री अवलोकन और उसके पर्यावरण को पूरा करना; वायुमंडल के विभिन्न मौसम संबंधी मापदंडों की ऊर्ध्वाधर प्रोफ़ाइल प्रदान करना; डेटा संग्रह प्लेटफार्मों (डीसीपी) से डेटा संग्रह और डेटा प्रसार क्षमताएं प्रदान करना; और उपग्रह सहायता प्राप्त खोज और बचाव सेवाएं प्रदान करना है।