सेंधवा जेल में कैदियों को के लिए एक अनूठी पहल की गई है। यह पहल उनके आत्मनिर्भर बनने और आर्थिक दृष्टि से मजबूत करने में बहुत कारगर साबित होगी। सेंधवा जेल में बंद बंदियों को हाथों से पेपर बैग बनाने का प्रशिक्षण दिया गया है। इसके लिए सेंधवा जेल में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमे सेवा भारती के सदस्य और शहर के समाजसेवी ने शिरकत की।
प्रशिक्षण देने इंदौर से आई समाजसेवी ने कहा कि यह पेपर बैग बनाना सिख लेने पर इनके भविष्य के लिए यह बहुत कारगर साबित होगा। जेल में बंद बंदियों की ऐसा रोजगार जो उनके परिवार के लिए लालन पालन घर खर्चे और बच्चों के फीस अब जेल में रह कर भी रोजगार कमा सकते है। प्रशिक्षक सुशीला दुबे और मंजीत गर्ग इंदौर से सेंधवा जेल में प्रशिक्षण देने आए है। इनके माध्यम से बंदियों को नई दिशा के साथ-साथ रोजगार मिलेगा। सेंधवा शहर के स्वच्छता सर्वेक्षण ब्रांड एंबेसडर डाक्टर अश्विन जैन और सेवा भारती के माध्यम से इन सभी बंदियों को रोजगार का अवसर मिल पाया है, जो इनके जीवन मे एक नई रोशनी की किरण लेकर आया है।