गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में शनिवार सुबह जशपुर जैसा हादसा टल गया। यहां एक सागौन से भरी मेटाडोर ने एक साथ 2 बाइक, पिकअप और बोलेरो को टक्कर मार दी। राहत की बात यह रही कि समय रहते वहां मौजूद लोगों ने मेटाडोर को देख लिया। लोग वहां से हट गए। टक्कर के बाद गाड़ी भी रुक गई। इसके कारण बड़ा हादसा टल गया है। वन विभाग ने इस मामले में सागौन तस्करी की भी आशंका जताई है। हादसा जिले के देवभोग के नागलदेही गांव में हुआ है। शुक्रवार को दशहरे के मौके पर नागलदेही गांव में ग्रामीणों ने धुमरा प्रतियोगिता का आयोजन किया था। धुमरा ओडिशा का पारंपरिक नृत्य है। देवभोग का इलाका भी ओडिशा की सीमा से लगा है। कार्यक्रम रात से शुरू होकर चल ही रहा था कि शनिवार सुबह 4 बजे एक मेटाडोर उदंती वन्यजीव अभ्यारण्य क्षेत्र की तरफ से गांव में घुसी। कार्यक्रम में इतनी भीड़ थी की लोग रोड पर ही बैठकर प्रतियोगिता देख रहे थे। इसी दौरान अचानक मेटोडार एक साथ कई गाड़ियों को टक्कर मारती हुई भीड़ के पास पहुंची ही थी कि इतने में भीड़ ने उसे देख लिया। भीड़ ने देखते ही शोर मचा दिया। जिस कारण लोग रोड से किसी तरह किनारे हो गए। वहीं उसी भीड़ ने किसी तरह से मेटाडोर को रोक लिया। भीड़ को देखते ही मेटाडोर का ड्राइवर भाग निकला है। इस मामले में राहत की बात ये रही उस हादसे के वक्त कोई भी शख्स बाइक,पिकअप और बोलेरो के पास नहीं था। जिसकी वजह से कोई हताहत नहीं हुआ। ग्रामीणों ने बताया कि हमारी नजर जब तक उस गाड़ी पर पड़ी थी, तब तक उसने कई गाड़ियों को रौंद दिया था। वहीं जब ग्रामीणों ने मेटाडोर रुकवाकर देखा तब तक ड्राइवर भाग चुका था। मेटाडोर के पीछे के हिस्से को प्लास्टिक से ढका गया था। ग्रामीणों ने प्लास्टिक को हटाया तो वह भी दंग रह गए। ग्रामीणों ने देखा कि मेटाडोर में सागौन की लकड़ी रखी हुई है। इसके बाद लोगों ने इस बात की सूचना देवभोग पुलिस और वन विभाग को दी। जानकारी मिलने के बाद वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर मेटाडोर को जब्त कर लिया है। देवभोग वन विभाग के मुताबिक मेटाडोर से 25 नग सागौन की लकड़ी जब्त की गई है, जिसकी कीमत तीन लाख से ज्यादा है। देवभोग रेंजर नागराज मंडावी को शक है कि सागौन की तस्करी कर उदंती वन्यजीव अभ्यारण्य क्षेत्र से ओडिशा ले जाया जा रहा था। फिलहाल वन विभाग ने मामले में पंचनामा दर्ज कर फरार ड्राइवर की तलाश शुरू कर दी है। मेटाडोर भी ओडिशा की ही है।