झारखंड के देवघर में पहली बार साइबर ठगी के मामले में दो अपराधियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। हालांकि इससे पहले अक्टूबर 2022 में महाराष्ट्र में अनीस अंसारी नाम के एक अपराधी को साइबर आतंकवाद की धारा में उम्रकैद की सजा सुनाई जा चुकी है। देवघर में जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने साइबर ठगी के मामले में कुल सात लोगों को कड़ी सजा सुनाई है। वहीं इसी मामले के एक अन्य आरोपित के नाबालिग होने के कारण उसका मामले जुवेनाइल कोर्ट में चल रहा है। इन सभी पर बैंक के ग्राहकों को केवाइसी अपडेट कराने के नाम पर फर्जी मैसेज भेजकर, फोन काल के माध्यम से झांसा देकर, लिंक भेजकर तथा एटीएम कार्ड क्लोन कर लोगों के बैंक खाते से रुपये उड़ाने का आरोप था। देवघर पुलिस ने 15 मई 2020 को छापेमारी कर मामले के सभी आठ आरोपितों को गिरफ्तार किया था।
शनिवार को देवघर के जिला एवं सत्र न्यायाधीश-दो सह विशेष साइबर कोर्ट के जज संजीव भाटिया की अदालत ने साइबर ठगी के मामले में दुमका जिला के सरैया के चोरजोर गांव निवासी कृष्णा यादव व देवघर जिले के मोहनपुर के घोरमारा गांव निवासी विराट कुमार उर्फ लालू मंडल को साइबर ठगी के एक मामले में दोषी पाते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। साथ ही दोनों पर 20-20 लाख जुर्माना भी लगाया। जुर्माना की राशि अदा नहीं करने पर इन दोनों को तीन-तीन वर्ष अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी। दोनों को आइपीसी की धारा 467 के तहत उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।
ठगी के इस मामले में दोनों आरोपितों के अलावा देवघर जिला के करौं गांव निवासी राजू मंडल, इसी थाना क्षेत्र के जगाडीह गांव निवासी मुकेश मंडल व बिहार के बांका जिले के बौंसी के बगीचा गांव निवासी दिनेश कुमार को 10 वर्ष सश्रम कारावास और पांच लाख जुर्माना की सजा सुनाई गई है। राशि अदा नहीं करने पर इन्हें तीन वर्ष अतिरिक्त सजा काटनी पड़ेगी। वहीं जामताड़ा जिला के करमाटांड थाने अंतर्गत देवालबाड़ी गांव निवासी चेतलाल मंडल और करौं के जगाडीह गांव निवासी अतिज मंडल को सात वर्ष सश्रम की सजा और एक लाख जुर्माना की सजा सुनाई गई है। जुर्माना की राशि अदा नहीं करने पर दो वर्ष की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।