आज शनिवार से चैत्र नवरात्र शुरू हो रही है। मंदिर में देवी की अराधना के साथ साथ इस दिन पंचांग पढ़ना और सुनना भी अच्छा होता है। Ekhabri के मध्यम से राजधानी के पंडित मनोज शुक्ला आपको बताएंगे की
आज दिन की शुरुआत कैसे करें और क्या हैं पंचाग श्रवण के फायदे।
पंडित मनोज शुक्ला के अनुसार, नए संवत के आगमन होते ही प्रातःकाल स्नानादि से निवृत होकर नया वस्त्र धारण करें। सूर्यदेव को अर्घ्य देवें। कुल देवी – देवता , पितर तथा घर मे प्रतिष्ठित देवी देवताओं की पूजन करें। माता पिता व बड़े बुजुर्गों का चरण स्पर्श करें। गुरु, ब्राह्मण,नारी शक्ति व बच्चों को वस्त्र अलंकार द्रव्य आदि देंवे। घर के दरवाजों मे आम्रपत्र का तोरण तथा वंदनवार लगायें।
भगवा रंग का धर्म ध्वजा फहरायें।
घर के दरवाजे पर रंगोली चौक डलवाये।
उसके बाद परिवार सहित अपने गुरु या पुरोहित जी से नये पंचांग व संवत का फल श्रवण करें।
आज से ही नया पंचांग(कैलेण्डर) आरम्भ होता है।
हम सब पंचांग पड़ते हैं, सुनते हैं, देखते हैं …. पर कभी हम पंचांग श्रवण करने के महत्त्व के बारे में नही जानते है।
तिथि, वार, नक्षत्र, योग तथा करण- इन पाँचों का जिसमें स्पष्ट मानादि रहता है, उसे पंचांग कहते हैं !
तिथि का श्रवण करने से श्री की प्राप्ति होती है,
वार के श्रवण से आयु की वृद्धि होती है,
नक्षत्र का श्रवण पाप का नाश करता है,
योग के श्रवण से रोग का निवारण होता है
करण के श्रवण से कार्य की सिद्धि होती है!
यह पंचांग श्रवण का फल कहा गया है ! पंचांग के फल को सुनने से गंगा स्नान का फल प्राप्त होता।
अपने परिवार जनों , इष्टमित्रों को संचार माध्यम से शक्ति आराधना के महापर्व व नये संवतवर्ष की शुभकामनाएं देकर उमंग पूर्वक खुशियां मनाते हुए दिन को व्यतीत करें।