
कंपनियों के तिमाही नतीजों और वैश्विक बाजारों के रुझान अगले कारोबारी सप्ताह में इक्विटी बाजार का रुख तय करेंगे। मासिक डेरिवेटिव की एक्सपायरी के बीच बाजार में उतार-चढ़ाव भी देखा सकता है। बीएसई और एनएसई में सोमवार को दिवाली के अवसर पर एक घंटे का खास मुहूर्त ट्रेडिग सेशन आयोजित किया जाएगा। इसके साथ ही हिंदू कैलेंडर के नए संवत 2079 की शुरुआत हो जाएगी। बुधवार को भी बाजार “दिवाली बालीप्रतिपदा” के अवसर पर बंद रहेंगे। स्वास्तिक इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड के रिसर्च हेड संतोष मीणा ने कहा, एक छोटे कारोबारी सप्ताह की ओर बढ़ रहे हैं। तेजड़ियों के पास दिवाली को ऊंचे स्तर पर मनाने की वजह होगी। अमेरिकी बाजार में शुक्रवार के कारोबारी सत्र में तेज उछाल देखा गया था।
मीणा ने कहा कि वैश्विक बाजारों की दिशा, डालर सूचकांक की स्थिति, अमेरिकी बांड प्रतिफल और कच्चे तेल की कीमतों पर बाजार की नजर बनी रहेगी। उन्होंने कहा, घरेलू मोर्चे पर अक्टूबर की एक्सपायरी से कुछ अस्थिरता हो सकती है जबकि दूसरी तिमाही के नतीजे किसी खास शेयर के उतार-चढ़ाव का कारण बनेंगे। रेलिगेयर ब्रोकिग लिमिटेड के वाइस प्रेसिडेंट रिसर्च अजीत मिश्रा ने कहा कि मासिक डेरिवेटिव की एक्सपायरी के चलते अस्थिरता आगे भी बनी रहेगी। इसके अलावा कमाई और वैश्विक बाजारों के प्रदर्शन पर भी नजरें रहेंगी। इसके अलावा निवेशक डालर के मुकाबले रुपये के रुख, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की व्यापारिक गतिविधियों और ब्रेंट क्रूड की कीमतों पर भी नजर रखेंगे।
एफपीआई ने भारतीय शेयर बाजारों से निकाले छह हजार करोड़ रुपये
संस्थागत निवेशकों (एफपीआई) ने इस महीने में अब तक भारतीय शेयर बाजारों से करीब 6,000 करोड़ रुपये की निकासी की है। डालर के मुकाबले रुपये की कीमत में आ रही गिरावट से इस निकासी को बल मिला है। साथ ही एफपीआई ने वर्ष 2022 में अब तक कुल 1.75 लाख करोड़ रुपये की निकासी कर ली है। कोटक सिक्योरिटीज में इक्विटी रिसर्च (रिटेल) प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा कि आने वाले समय में भी एफपीआई की गतिविधियों में उतार-चढ़ाव की स्थिति रहेगी। डिपाजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक, एफपीआई ने अक्टूबर में अब तक 5,992 करोड़ रुपये की निकासी भारतीय बाजार से कर ली है। इस हिसाब से पिछले कुछ दिनों में उनकी निकासी की मात्रा में थोड़ी गिरावट आई है। बाजार विश्लेषकों का मानना है कि एफपीआई की बिकवाली के बावजूद घरेलू संस्थागत निवेशकों और खुदरा निवेशकों के खरीदार बने रहने से शेयर बाजारों को मजबूती मिल रही है। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज वीके विजयकुमार ने कहा, अगर एफपीआई पहले बेचे गए शेयर को ही आज के समय में खरीदना चाहेंगे तो उन्हें उसकी बढ़ी हुई कीमत चुकानी होगी। यह अहसास नकारात्मक माहौल में भी एफपीआई की बिकवाली को रोकने का काम कर रहा है।
10 में से आठ कंपनियों का मार्केट कैप दो लाख करोड़ रुपये बढ़ा
बीते सप्ताह सेंसेक्स की शीर्ष 10 कंपनियों में से आठ का मार्केट कैप दो लाख करोड़ रुपये बढ़ गया है। सबसे ज्यादा फायदा रिलायंस इंडस्ट्रीज को हुआ। उसकी बाजार हैसियत 68,296.41 करोड़ बढ़कर 16,72,365.60 करोड़ हो गई। स्टेट बैंक का मार्केट कैप 30,120.75 करोड़ बढ़कर 5,00,492.23 करोड़ हो गई। एचडीएफसी बैंक और बजाज फाइनेंस के मार्केट कैप में कमी दर्ज की गई है।