छत्तीसगढ के महासमुंद जिले में नए वर्ष के साथ ही नौनिहालों को भुखे पेट अध्ययन करना पड़ रहा है। यहां पहली तारीख से स्कूलों में मध्यान्ह भोजन बंद हैं। बीते 4 महीनों से रसोईयों को भुगतान न मिलने की वजह से करीब 8 हजार रसोईये अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये हैं। दरअसल, जिले में 1 हजार 7 सौ 71 स्कूल प्राइमरी और मिडिल हैं। इनमें 1 लाख 18 हजार विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। यहां मध्यान्ह भोजन बंद होने से बच्चों को वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर सूखा आहार व्यवस्था जैसे मुर्रा, मिक्चर, बिस्कुट ही दिया जा रहा है। यही निर्देश जिला शिक्षा विभाग से दिया भी गया है।
स्कूल के शिक्षकों ने बच्चों को अपने घरों से टिफिन लाने कहा है। ऐसे में कुछ बच्चे अपने घर से टिफिन लेकर भी आ रहे हैं। जो बच्चे अपने घरों से टिफिन नहीं ला सकते हैं, उनके लिए ये व्यवस्था किसी सामत से कम नहीं है। जिला शिक्षा अधिकारी ने इस समस्या पर कहा कि मामला शासन स्तर का है। ये कब तक सुलझ पाएगा कह पाना मुश्किल है। जैसे ही फंड आएगा हम इनका मानदेय वितरित कर देंगे। वही, जिला रसोई संघ की अध्यक्ष ने साफ कहा है कि जबतक हमारे खाते में हमारे मानदेय का पैसा नहीं आएगा हम हड़ताल पर डटे रहेंगे।