माल भाड़े से होने वाली आय को बढ़ाने के मद्देनजर खनिजों की बहुतायत वाले इलाकों को रेल नेटवर्क से जोड़ने की योजना बनाई जा रही है। ‘मिशन हंगरी फार कार्गो” के तहत रेलवे ने माल ढुलाई में हिस्सेदारी को 27 प्रतिशत से बढ़ाकर 45 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा है। इस कार्यक्रम के तहत अधिकारियों को खनिजों की बहुतायत वाले जिलों की पहचान करने के साथ ही खान से होने वाले उत्पादन का विवरण तैयार करना होगा। इसके अलावा उस इलाके के पास मौजूद रेल मार्ग का नक्शा भी बनाना होगा।
अधिकारियों ने कहा कि अब तक मंत्रालय ने देशभर में लगभग 100 मीट्रिक टन उत्पादन क्षमता वाली खदानों के सर्वेक्षण को मंजूरी दी है। इस संबंध में 52 जिलों की पहचान की जा चुकी है। ढुलाई के मामले में रेलवे ने जिन उत्पादों को प्राथमिकता देने की बात कही है, उसमें कोयला, लौह अयस्क और बाक्साइट चूना पत्थर शामिल हैं। आंकड़े बताते हैं कि माल ढुलाई में रेलवे की हिस्सेदारी लगातार कम हो रही है। जबकि सड़क और जलमार्ग की हिस्सेदारी बढ़ती जा रही है। अधिकारियों ने कहा कि खनिज समृद्ध क्षेत्रों की पहचान करने के पीछे प्रमुख मंशा उन्हें रेल नेटवर्क से जोड़ने की है। सर्वे के दौरान अधिकारियों को खदान के निकट स्थित रेल मार्ग का नक्शा देना होगा। अगर कोई खदान रेल नेटवर्क से नहीं जुड़ी है तो वहां ट्रैक बिछाया जाएगा।