रायपुर। पंजाब में कांग्रेस द्वारा कैप्टन अमरिंदर सिंह की जगह चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाए जाने से राजस्थान और छत्तीसगढ़ की राजनीति पर भी इसका असर पड़ता नजर आ रहा है. पंजाब के बाद अब इन दोनों राज्यों में भी कांग्रेस सरकार में असंतोष के सुर मुखर हो रहे हैं। राजस्थान में एक साल से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट आमने-सामने हैं. वहीं, छत्तीसगढ़ के स्वास्थ मंत्री टीएस सिंहदेव भी आज दिल्ली के लिए रवाना हो गए है। हालांकि टीएस बाबा ने साफ का दिया कि वे अपनी बहन के जन्म दिवस के लिए दिल्ली जा रहे हैं। इसका राजनीति से कोई संबंध नहीं है पर सियासी गलियारों में तो धड़कनें तेज हो गई हैं। बहरहाल जो भी हो टीएस अपनी बहन के जन्म दिवस पर गए हैं या कारण कुछ और है यह तो आने वाला वक्त बताएगा। वहीं राजस्थान में नाम न छापने की शर्त पर पायलट के करीबी एक कांग्रेसी नेता ने एक अखबार से कहा कि उन्हें जल्द ही अच्छी खबर की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि पायलट ने पहले ही राहुल गांधी सहित कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ सप्ताह भर में बैठक की है और उन्हें विश्वास है कि पार्टी आने वाले हफ्तों में एक दृढ़ निर्णय लेगी लेकिन, राजनीति पर नजर रखने वालों का कहना है कि राजस्थान में जमीनी स्थिति पंजाब से अलग है क्योंकि गहलोत का अभी भी पार्टी पर नियंत्रण है.
राजस्थान-छत्तीसगढ़ में राजनीतिक हलचल तेज
उन्होंने कहा कि पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस पर नियंत्रण खो दिया था, जब नवजोत सिंह सिद्धू को इसका अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। साथ ही उन्होंने कहा कि पंजाब में ज्यादा गर्मा-गर्मी इसलिए थी क्योंकि अगले साल ही विधानसभा चुनाव होने हैं, जबकि राजस्थान में दिसंबर 2023 में चुनाव होने हैं. ऐसे में यहां ज्यादा राजनीतिक हलचल नहीं देखी जाएगी. वहीं, दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ सरकार के स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव के अचानक दिल्ली रवाना होने से यहां भी सियासी गलियारों में सरगर्मियां बढ़ गई हैं।
असंतोष लोगों को शांत करने की जरूरत
वहीं, राजनीतिक विश्लेषक मनीष गोधा ने कहा गहलोत गांधी परिवार के भी बहुत करीब हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान में पंजाब की पुनरावृत्ति की संभावना नहीं है। हालांकि, उन्होंने चेतावनी दी कि पार्टी नेतृत्व को असंतुष्टों को शांत करने के लिए काम करना होगा क्योंकि समय खत्म हो रहा है. कांग्रेस के एक दूसरे वरिष्ठ नेता ने कहा कि पंजाब के बाद राहुल गांधी के राजस्थान और छत्तीसगढ़ पर ध्यान केंद्रित करने की उम्मीद है, जहां मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की जगह स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि पायलट ने शुक्रवार शाम राहुल से मुलाकात की और लंबी चर्चा की, जिससे कैबिनेट में फेरबदल और राजनीतिक नियुक्तियों की उम्मीदें बढ़ गईं।
अमरिंदर और गहलोत में बहुत बड़ा अंतर
पायलट के करीबी एक अन्य विधायक ने कहा कि पंजाब में पार्टी नेतृत्व ने जो किया है, उससे हमारा विश्वास बढ़ा है कि यहां भी बदलाव होंगे. वहीं, गहलोत के करीबी माने जाने वालों ने कहा कि अमरिंदर और गहलोत में बहुत बड़ा अंतर है. अमरिंदर मुख्यमंत्री पद के लिए दिल्ली की पसंद नहीं थे, जबकि गहलोत को दिल्ली बुलाया गया और सीएम के रूप में घोषित किया गया. इसके अलावा, गहलोत को राज्य में 100 से अधिक विधायकों का समर्थन प्राप्त है.
छत्तीसगढ़ कांग्रेस में पिछले कई दिनों से घमासान
छत्तीसगढ़ में ढाई-ढाई साल का फॉर्मूला मुद्दे को लेकर बीते कई दिनों से घमासान जारी है। इसे लेकर 24 अगस्त को दिल्ली में हुई बैठक में छत्तीसगढ़ के तीनों नेताओं के साथ पार्टी के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल भी मौजूद थे। वहीं, छत्तीसगढ़ कांग्रेस में विवाद के बीच राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पार्टी नेताओं पर आरोप लगाते हुए कहा था कि जो राजनीतिक अस्थिरता की कोशिश कर रहे हैं, वे इसमें कभी भी कामयाब नहीं हो पाएंगे। हालांकि, पंजाब में अमरिंदर सिंह के सीएम पद से इस्तीफे के बाद यहां एक बार फिर हलचल शुरू हो गई है।