सरकार डिजिटल इंडिया के दावे करती है। इसके लिए पंचायतों को भी डिजिटल करने की कोशिशें जारी है। इसके बावजूद जिले में पीपरखुटी ग्राम पंचायत का आश्रित ग्राम बानघाट (पीढ़ा) में लोग मोबाइल का उपयोग नहीं कर पाते। इस गांव में मोबाइल की घंटियां नहीं बजती हैं। लोगों को मोबाइल का उपयोग करने के लिए दो किलोमीटर दूर किले के ऊपर जाना पड़ता है।
इस गांव में मोबाइल टावर नहीं है। इससे नेटवर्क नहीं मिल पाता है। ग्रामीण कई बार जिला प्रशासन से गुहार लगा चुके हैं। वर्ष 2021 में ग्रामीणों ने कलेक्टर कार्यालय में आवेदन भी दिया था। सरपंच के लेटर पैड पर भी गांव में मोबाइल टावर लगाने की मांग की गई, परंतु आज तक बैगा आदिवासी बाहुल्य गांव में मोबाइल टावर की व्यवस्था नहीं की गई। इससे ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
इसका खामियाजा कोविड़ महामारी के समय में भुगतना पड़ा। उस समय ऑनलाइन पढ़ाई होती थी, लेकिन इस गांव के छात्र एवं छात्राएं मोबाइल टावर न होने के कारण पढ़ाई से वंचित रहे। इसके अलावा ग्रामीणों को ऑनलाइन पैसों के लेन-देन में भी परेशानी होती है।
गांव में उचित मूल्य की राशन दुकान भी है। मगर यहां मोबाइल टावर न होने से ऑफलाइन ही ग्रामीणों को राशन का वितरण किया जाता है। आदिवासी बालक छात्रावास के बच्चों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।