मोदी सरकार अब सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने में सहूलियत देने के लिए देश के किसानों को विशिष्ट पहचान पत्र (आइडी) जारी करेगी। यह पहचान पत्र बनाने की प्रक्रिया देशभर में चल रही है। सरकार के पास किसानों का डाटाबेस तैयार करने की प्रक्रिया जारी है। अब तक साढ़े पांच करोड़ किसानों का डाटाबेस तैयार हो चुका है, जिसके आधार पर 12 अंकों का पहचान पत्र दिया जाएगा। इसके माध्यम से किसान केंद्र और राज्य सरकारों की विभिन्न् योजनाओं का लाभ बिना झंझट के प्राप्त कर सकेंगे। इससे उन्हें किसी बिचौलिए की जरूरत नहीं पड़ेगी।
विशिष्ट पहचान पत्र बनाने को लेकर पायलट प्रोजेक्ट चल रहा है। इसके दायरे में जल्दी ही पूरे देश के किसानों को शामिल कर लिया जाएगा। राष्ट्रीय स्तर पर डाटाबेस तैयार होने के बाद इसे पूरी तरह लागू कर दिया जाएगा। डाटाबेस में शामिल किसानों को ही इसका लाभ मिल पाएगा। लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने इसकी जानकारी दी है।
पहचान पत्र बनाने की योजना में ई-नो योर फार्मर्स (ई-केवाईएफ) के माध्यम से किसानों के सत्यापन का प्रावधान है। इससे विभिन्न् योजनाओं के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए विभिन्न् विभागों और दफ्तरों में बार-बार भौतिक दस्तावेज जमा करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। लोकसभा में नरेंद्र तोमर ने बताया कि देश में कुल 11.5 करोड़ किसानों में से साढ़े पांच करोड़ किसानों का डाटाबेस तैयार कर लिया गया है, बाकी पर काम जारी है। जिन किसानों को प्रधानमंत्री कल्याण निधि योजना (पीएम-किसान) से हर साल तीन बार दो-दो हजार रुपये की बराबर किस्तें दी जाती हैं, उन सभी किसानों को इस आइडी का लाभ प्राप्त होगा।
देश में किसानों के कल्याण के साथ कृषि क्षेत्र के लिए कई तरह की योजनाएं केंद्र और राज्य सरकारें चला रही हैं। इन योजनाओं का लाभ लेने के लिए किसानों को हर सीजन में मशक्कत करनी पड़ती है। पहचान पत्र बन जाने के बाद इन योजनाओं का लाभ लेने में उन्हें आसानी होगी।