नागपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि अब ज्ञानवापी के मुद्दे पर कोई आंदोलन नहीं होगा। नागपुर में आरएसएस अधिकारियों के प्रशिक्षण शिविर को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा कि ज्ञानवापी का मुद्दा लाखों हिंदुओं की आस्था से जुड़ा है, लेकिन इस पर कोई आंदोलन नहीं होगा। भागवत ने कहा, अब ज्ञानवापी का मामला अदालत में है। हम इतिहास को नहीं बदल सकते। वह इतिहास हमारे द्वारा नहीं बनाया गया और न ही आज के हिंदुओं और मुसलमानों द्वारा बनाया गया। यह उस समय हुआ, जब इस्लाम आक्रांताओं के साथ भारत आया। आरएसएस ने अयोध्या राम जन्मभूमि मुद्दे को कुछ ऐतिहासिक कारणों से हाथ में लिया था, और वह संकल्प पूरा हो गया है। यह पहले ही कह दिया गया है कि हमारा संगठन किसी नए आंदोलन का हिस्सा नहीं होगा। हर दिन नए मुद्दे उठाना ठीक नहीं है। हर मस्जिद में शिवलिंग खोजने की जरूरत नहीं है। ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मुद्दा हिंदुओं और मुसलमानों को मिल-बैठकर सुलझा लेना चाहिए। अगर कोर्ट की तरफ से कोई फैसला आता है तो उसे दोनों पक्षों को मानना चाहिए।
पूरे भारत में धार्मिक स्थलों के बारे में नए-नए दावों और जवाबी दावों पर आरएसएस प्रमुख ने कहा, आक्रांताओं ने हिंदुओं के मनोबल को गिराने और धर्मांतरण करने वाले नए मुसलमानों के बीच एक धारणा बनाने के लिए मंदिरों को तोड़ा था। इतिहास में हुई इन घटनाओं को अब न तो हिंदू बदल सकते हैं और न ही मुसलमान।
भागवत ने कहा कि मुसलमान हिंदुओं और यहां तक कि क्षत्रियों के ऐसे वंशज हैं जिन्होंने दूसरा धर्म अपना लिया। हिंदुओं को यह समझना चाहिए कि मुसलमान उनके अपने पूर्वजों के वंशज हैं। वे मुसलमान केवल इसलिए हैं क्योंकि उन्होंने अपना धर्म बदल दिया। अगर वे वापस आना चाहते हैं तो उनका खुली बाहों से स्वागत करेंगे। अगर वे वापस नहीं आना चाहते, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। पहले ही हमारे 33 करोड़ देवी-देवता हैं, कुछ और जुड़ जाएंगे। हमारे देश में कई मजहब हैं और इस्लाम भी उनमें से एक रहेगा।