अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में कुछ नर्सिंग कर्मचारियों के हंगामे के बाद 80 से अधिक प्लान की हुई बड़ी सर्जरी रद हो गईं। हालात ऐसे बिगड़े कि जिन मरीजों को सर्जरी करने के लिए एनेस्थेसिया (बेहोशी का इंजेक्शन) दे दिया गया था, उनकी भी सर्जरी नहीं हो सकी। वे घंटों बेहोश पड़े रहे। इनमें कई ऐसे मरीज भी थे, जिन्हें सालभर के इंतजार के बाद सर्जरी की तारीख मिली थी। एम्स प्रशासन ने चार नर्सिंग कर्मचारियों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दी है, जिसमें काम में बाधा डालने, मरीजों की सर्जरी रोकने और डाक्टर से अभद्रता करने के आरोप लगाए हैं।
मुख्य आपरेशन थियेटर के ड्यूटी अधिकारी को वहां के डाक्टर ने बताया कि नर्सिंग कर्मचारी काम करने से मना कर रहे हैं। ड्यूटी अधिकारी उन्हें समझाने के लिए नर्सिंग उपाधीक्षक के कमरे में गए, लेकिन वहां नर्सिंग यूनियन के कई पदाधिकारियों ने काम करने से मना कर दिया। उनका कहना था कि पुरानी मांगों के पूरा होने पर ही वे काम पर आएंगे। नर्सिंग यूनियन के कुछ पदाधिकारियों ने ड्यूटी अधिकारी से अभद्रता शुरू कर दी। एम्स के कई वाट्सएप ग्रुप में वायरल वीडियो में नर्सिंग यूनियन का एक पदाधिकारी ड्यूटी अफसर को उल्टा-सीधा बोलता दिख रहा है। एम्स के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार घटना के बाद कुछ नर्सिंग कर्मचारियों ने फिर सभी आपरेशन थियेटर का काम बंद करवा दिया। इससे 80 से अधिक सर्जरी नहीं हो सकीं।