ओंकोलाजी आहार विशेषज्ञ पोषणयुक्त भोजन की योजना कर कैंसर के मरीजों और उनकी देखभाल करने वालों की मदद करते हैैं। अच्छा खानपान कैंसर मरीजों को न सिर्फ इलाज के दौरान सेहतमंद रहने, बल्कि कई प्रतिकूल असर से लड़ने में भी मददगार साबित होता है। एक नए अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि कैंसर के कई मरीज खाद्य असुरक्षा का अनुभव करते हैैं, जबकि कुछ ही ओंकोलाजी आहार विशेषज्ञ उनसे समुचित आहार की उपलब्धता और उसका भार वहन करने के संबंध में सवाल पूछते हैैं। यह अध्ययन ‘जर्नल आफ द एकेडमी आफ न्यूट्रिशन एंड डायटेटिक्स” में प्रकाशित हुआ है। अमेरिका स्थित यूनिवर्सिटी आफ इलिनोइस अर्बाना-शैपेन के शोधकर्ताओं ने 41 पंजीकृत आहार विशेषज्ञों का साक्षात्कार किया, जिनमें से अधिकांश ने कहा कि उन्होंने कैंसर मरीजों की जांच के लिए उपयुक्त टूल का इस्तेमाल नहीं किया। समस्या की व्यापकता के बारे में आहार विशेषज्ञों के अनुमान व्यापक रूप से भिन्न् थे। उनका मानना था कि न्यूनतम 20 से अधिकतम 50 प्रतिशत मरीजों में खाद्य असुरक्षा की भावना हो सकती है। यूनिवर्सिटी आफ इलिनोइस में खाद्य विज्ञान एवं मानव पोषण के प्रोफेसर अन्न आर्थर के अनुसार, ‘यह अध्ययन ओंकोलाजी आहार विशेषज्ञों के लिए शिक्षा व प्रशिक्षण के अवसरों को विकसित करने की आवश्यकता पर प्रकाश डालता है। इससे खाद्य असुरक्षा के बारे में उनके ज्ञान के साथ-साथ मरीजों की जांच करने संबंधी उनकी क्षमता में वृद्धि होगी।”