सच में एक ऐसी शक्ति है, जो हमें आगे बढ़ने की ओर प्ररित करती है। हम जब सच का साथ ले कर आगे बढ़ते है तो मन में किसी वहम की जगह नहीं होती बस सकारात्मक विचार हमारे आसपास आते हैं।
इसके विपरीत जब हम झूट का दामन थाम लेते है तो हमें भय अपनी जकड़न में ले लेता है। हम चाह कर भी कोई अच्छी बात नही सोच पाते और जीवन असफलता की ओर चलने लगता है।










