रायपुर-12 दिनों से रायपुर के दो नाबालिग लापता थे। इनके मां-बाप इन्हें ढूंढ रहे थे। शनिवार को खबर आई कि उन गुम हुए बच्चों की मध्यप्रदेश ले जाकर हत्या कर दी गई। नाबालिगों को अपने साथ ले जाने वाले आरोपी और इसके साथी को रायपुर की पुलिस ने एमपी जाकर गिरफ्तार कर लिया। अब इन्हें जेल भेजा जा रहा है। आरोपियों ने अपना गुनाह कबूलते हुए बताया कि लॉकडाउन की वजह से ये पैसों की तंगी से जूझ रहे थे। इसलिए उन्होंने नाबालिगों को साथ ले जाकर पहले उनके सारे पैसे लूटे और फिर हत्या कर दी। इस घटना की प्लानिंग करने वाले बदमाश का नाम खेलन पाल है। इसका साथी रामस्वरूप भी इस वारदात में शामिल था।
ये है पूरा मामला
रायपुर के भाटागांव इलाके में रहने वाले 17 साल के उमेश यादव और रंजीत 1 जून से लापता थे। घर वालों ने पुलिस को बताया कि इसी इलाके में रहने वाला खेलन इन्हें अपने साथ ले गया है। खेलन फल मार्केट में हमाली का काम करता है। पिकअप वाहन में वो इन लड़कों को लोडिंग-अनलोडिंग के काम से लेकर गया। घर वालों को लगा कि दोनों बच्चे लौट आएंगे मगर एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी उनकी कोई खबर नहीं आई। दोनों लड़कों और खेलन का भी फोन बंद मिला। इसके बाद वे पुलिस के पास गए। पुलिस ने खेलन के बारे में पता किया तो जानकारी मिली की वो अनूपपुर का रहने वाला है। पुलिस की टीम वहां गई तो हत्या का खुलासा हुआ।
घटना के बाद से ही खेलन वहीं छुपा हुआ था। उसने पुलिस को बताया कि नाबालिगों के पास रखे रुपयों को लूटने की नीयत से काम और खाने-पीने, मजे करने का झांसा देकर वो अपने साथ लेकर गया था। अनूपपुर जिले के बेल्हा गांव के खेत की एक झोपड़ी में खेलन ने अपने एक साथी और उमेश व रंजीत के साथ मिलकर दावत उड़ाई। उन्हें खूब शराब पिलाई। जब वो बेसुध होकर सो गए तो इनके रुपए लूट लिए और पत्थर से कुचलकर हत्या कर दी।
हादसे की कहानी कर रहा था तैयार
घटना के बाद खेलन ने पिकअप वाहन में दोनों नाबालिगों का शव रखा और बेल्हा गांव, जहां हत्या की वहां से 20 किलोमीटर दूर पंडरी बाकन गांव में ले जाकर एक नाले में पिकअप गिरा दिया। दरअसल खेलन इस मर्डर को एक हादसा बताने की कोशिश करना चाहता था। गिरफ्तारी के बाद पुलिस उसे पंडरी बाकन लेकर गई जहां से उमेश और रंजीत की सड़ी हुई लाशें मिली हैं। खेलन और उसके साथी पर हत्या और अपहरण का केस दर्ज किया गया है।