नक्सलियों ने छह दिन बाद प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक योजना (पीएमजीएसवाय) के सब इंजीनियर अजय रौशन लकड़ा को रिहा किया। पत्नी अर्पिता और मीडिया की मौजूदगी में रिहाई की गई। अजय को रिहा करने से पहले नक्सलियों ने मनकेली के निकट जंगल में जनअदालत लगाई थी।
अजय लकड़ा अपने कार्यालय सहायक लक्ष्मण परतागिरी के साथ 11 नवंबर को मनकेली गांव में चल रहे पीएमजीएसवाय के निर्माण कार्य को देखने गए थे। वहां सादे कपड़ों में पहुंचे नक्सलियों ने दोनों को अगवा कर लिया था। लक्ष्मण को अगले दिन रिहा कर दिया था पर अजय छह दिन तक नक्सलियों के कब्जे में रहे। उनकी पत्नी अर्पिता तीन साल के मासूम बेटे को लेकर जंगल में भटकती रही। सर्व आदिवासी समाज ने रिहाई की अपील की थी।
बीजापुर कलेक्टर राजेंद्र कटारा व विधायक विक्रम मंडावी ने भी अपील जारी की थी। अर्पिता ने कहा था अगर उन्होंने कोई गलती की है तो माफ कर दें व मानवता के नाते अजय को रिहा कर दें। बुधवार को फोर्स ने भी उस इलाके में दबाव बढ़ाया था। आखिरकार बुधवार दोपहर को नक्सलियों ने अजय को रिहा कर दिया। जहां अजय को छोड़ा गया वहां उनकी पत्नी मौजूद थीं। पति पत्नी गले मिले तो माहौल भावुक हो गया था। अजय को बीजापुर लाया जा रहा है।