विषमता और अत्याचार के बहाने अवैधानिक संगठन बना हिंसा को प्रश्रय देने वाले नक्सली अपने ही संगठन की महिलाओं पर भी कहर ढाने से बाज नहीं आते। शादी का झांसा देकर वे संगठन से जुड़ी महिलाओं का यौन शोषण तक करते हैं। इसका रहस्योद्घाटन पुलिस के हाथ लगे रेणुका कोड़ा के पत्र से हुआ है।
रेणुका ने अपने कमांडरों से संगठन में महिलाओं पर अत्याचार की शिकायत की थी। दादा और करम उपनामधारी कमांडरों ने प्रत्युत्तर में पत्र लिख रेणुका की सराहना की थी। वह पत्र भी पुलिस के भी हाथ लगा है। रेणुका से पहले रीना कोड़ा भी कुछ ऐसी ही शिकायतों से भरा पत्र अपने कमांडरों को लिखी थी। तब उसे भी उचित कार्रवाई का आश्वासन मिला था। हालांकि, शोषण का क्रम अनवरत रहा।
बिहार के मुंगेर की रेणुका पर 50 हजार का पुरस्कार घोषित किया था। चार दिन पहले वह झारखंड में देवघर के चपरिया गांव से गिरफ्तार हुई। वह नक्सली कमांडर प्रवेश की सहयोगी रही है। उसके विरुद्ध 19 मामले दर्ज हैं। उसने संगठन की महिलाओं पर अत्याचार और उनके यौन शोषण की कई कहानियां पुलिस को सुनाई। आगे की कार्रवाई के लिहाज से पुलिस अधिकारी अभी उन कहानियों का उल्लेख करने से कतरा जा रहे हैं। पत्र के हवाले से अलबत्ता इतना बता रहे कि रेणुका द्वारा शिकायत किए जाने के बाद नक्सिलयों के कमांडर दादा और करम ने भी माना कि रात में ड्यूटी देने वाली महिलाओं के साथ आपत्तिजनक व्यवहार होता है।