सुप्रीम कोर्ट से भाजपा के वरिष्ठ नेता सैयद शाहनवाज हुसैन को बड़ा झटका लगा है। शीर्ष अदालत ने उनकी हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर एक याचिका खारिज कर दी है। अब शाहनवाज के खिलाफ दुष्कर्म के मामले में एफआईआर दर्ज होगी और इस मामले की नए सिरे से जांच की जाएगी।
याचिका पर सुनवाई कर रहे जस्टिस एस. रविद्र भट्ट और जस्टिस दीपांकर दत्ता की खंडपीठ ने सोमवार को कहा कि मामले की सही से जांच होनी चाहिए। इस मामले में दखल देने की जरूरत नहीं है, क्योंकि अगर आप सही होंगे तो बच जाएंगे। शीर्ष अदालत में शाहनवाज की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी और सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि मामले की जांच में पुलिस को कोई सुबूत नहीं मिले हैं। भाजपा नेता की तरफ से कहा गया कि महिला की तरफ से छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है। खंडपीठ ने कहा कि एक निष्पक्ष जांच होने दीजिए और अगर इसमें कुछ नहीं निकलता है तो आप (शाहनवाज हुसैन) आराम से छूट जाएंगे।
शाहनवाज हुसैन की इस याचिका के जरिये उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें पिछले साल 17 अगस्त को हाई कोर्ट में हुसैन की अपील को खारिज कर दिया गया था। इसमें 2018 के कथित दुष्कर्म मामले में उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के ट्रायल कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा गया था। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2018 में दिल्ली की एक महिला ने निचली अदालत का दरवाजा खटखटाकर शाहनवाज के खिलाफ दुष्कर्म के मामले में एफआईआर दर्ज कराने की मांग की थी। सात जुलाई, 2018 को मजिस्ट्रेटी अदालत ने हुसैन के खिलाफ दुष्कर्म मामले में एफआइआर दर्ज करने का निर्देश दिया था।