पहली जनवरी 2021 यानी नए साल में बैंकिंग से लेकर बीमा तक से जुड़े नियमों में कई बदलाव होने जा रहे हैं। इन नियमों का सीधा असर आपके पैसों के लेनदेन, बीमा, चैटिंग, कार खरीदारी और कारोबार तक पर पड़ेगा। इसके अलावा कई और क्षेत्रों में भी बदलाव हो सकता है।
सबसे पहले नए साल में कारें खरीदना महंगा हो जाएगा, क्योंकि वाहन कंपनियां पहली जनवरी से अपने कई मॉडल के दाम में 5 फीसदी तक वृदि़ध करने जा रही हैं। ये कंपनियां हैं मारुति सुजूकी इंडिया, टाटा मोटर्स, निसान, रेनॉ इंडिया, होंडा कार्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, इसूजू, ऑडी इंडिया, फॉक्सवैगन, फोर्ड इंडिया और बीएमडब्लयू इंडिया। इसके अलावा दोपहिया वाहन कंपनियों की भी कीमतें बढ़ाने की योजना है।
पहली जनवरी से चेक से भुगतान के नियम भी बदल रहे हैं। इसके तहत 50,000 रुपये से ज्यादा वाले चेक के लिए ‘पॉजिटिव पे’ सिस्टम लागू होगा। इसके तहत कोई भी जब 50,000 रुपये से ज्यादा का चेक जारी करेगा, उसे अपने बैंक को पूरी डिटेल देनी होगी। इसमें चेक जारी करने वाले को एसएमएस, इंटरनेट बैंकिंग, एटीएम या मोबाइल बैंकिंग के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक तरीके से चेक की तारीख, बेनेफिशियरी का नाम, खाता नंबर, कुल राशि और अन्य जरूरी जानकारी बैंक को देनी होगी। हालांकि, यह खाताधारक पर निर्भर करेगा कि वह इस सुविधा का लाभ उठाता है या नहीं।
पहली जनवरी से आरबीआई डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए कॉन्टैक्टलेस कार्ड से भुगतान की सीमा बढ़ाकर 5,000 रुपये करने जा रहा है। अभी यह सीमा 2,000 रुपये है। बढ़ी सीमा नए साल से लागू होगी।
अमेजन-पे, गूगल-पे और फोन-पे से भुगतान करने पर अतिरिक्त शुल्क देना पड़ सकता है। एनपीसीआई ने एक जनवरी से थर्ड पार्टी एप प्रोवाइडर्स की ओर से चलाई जाने वाली यूपीआई भुगतान सेवा पर अतिरिक्त शुल्क लगाने का फैसला किया है। एनपीसीआई ने नए साल पर थर्ड पार्टी एप पर 30 फीसदी की ऊपरी सीमा लगा दी है। 30 फीसदी की सीमा की गणना पिछले तीन महीने के दौरान यूपीआई में प्रॉसेस्ड भुगतान की कुल संख्या के आधार पर होगी। पेटीएम इस दायरे में नहीं है।
इरडा के निर्देश पर सभी बीमा कंपनियां पहली जनवरी से ‘सरल जीवन बीमा पॉलिसी’ पेश करने जा रही हैं। इसमें कम प्रीमियम पर टर्म प्लान खरीदने का मौका मिलेगा। इस पॉलिसी के लिए सभी बीमा कंपनियों की नियम एवं शर्तें एक समान होंगी। स्टैंडर्ड उत्पाद होने से से ग्राहकों को पहले से दी गई जानकारियों के आधार पर निर्णय लेने में आसानी होगी। इससे बीमा कराने वाले और बीमा करने वाली कंपनी के बीच भरोसा बढ़ेगा, जिससे क्लेम के वक्त विवाद की आशंका कम हो जाएगी। इसमें न्यूनतम पांच लाख और अधिकतम 25 लाख रुपये का सम-एश्योर्ड मिलेगा।
नए साल के पहले दिन से म्यूचुअल फंड निवेश के नियम भी बदल रहे हैं। निवेशकों के हितों को ध्यान में रखते हुए बाजार नियामक सेबी ने म्यूचुअल फंड के नियमों में कुछ बदलाव किए हैं। नया नियम लागू होने के बाद फंडों को 75 फीसदी हिस्सा इक्विटी में निवेश करना होगा, जो अभी न्यूनतम 65 फीसदी है।
सालाना पांच करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाले छोटे कारोबारियों को पहली जनवरी से सालभर में केवल चार बिक्री रिटर्न (जीएसटीआर-3बी) फॉर्म भरने होंगे। वर्तमान में इन कारोबारियों को मासिक आधार पर 12 रिटर्न फॉर्म दाखिल करने होते हैं। इस प्रकार, नए साल से छोटे कारोबारियों को साल में चार जीएसटीआर-3बी और चार जीएसटीआर-1 रिटर्न दाखिल करने होंगे। इसके अलावा, जीएसटी कानून के तहत एक जनवरी से बी-टू-बी (बिजनेस-टू-बिजनेस) बिजनेस भुगतान के लिए 100 करोड़ रुपये से अधिक टर्नओवर होने पर ई-इनवॉइस जरूरी होगा।
देश में पहली जनवरी से सभी चारपहिया वाहनों के लिए फास्टैग जरूरी होगा। यह नए वाहनों के साथ एक दिसंबर, 2017 से पहले बेचे गए वाहनों के लिए भी जरूरी होगा। वाहन के फिटनेस सर्टिफिकेट के रिन्युअल कराने और नया थर्ड पार्टी बीमा लेने के लिए भी फास्टैग जरूरी होगा। नए नियम के बाद फास्टैग खाते में कम-से-कम 150 रुपये रखने होंगे।