यूक्रेन में जल्द युद्ध शांत होने के आसार नजर नहीं आ रहे। यूक्रेन की हफ्तों पुरानी मांग को स्वीकार करते हुए अमेरिका ने वहां पर भारी हथियारों की आपूर्ति शुरू कर दी है। बुधवार को 155 कैलिबर वाली 18 तोपों की पहली खेप यूक्रेन के पड़ोसी नाटो के सदस्य देश में पहुंच गई। बाकी की तोपें रास्ते में हैैं। संभावना है कि एक-दो दिन में ये तोपें यूक्रेन की सेना को मिलनी शुरू हो जाएंगी। इस बीच अमेरिका सैन्य प्रशिक्षक एक अन्य यूरोपीय देश में यूक्रेन के सैनिकों को इन तोपों को चलाने का प्रशिक्षण दे रहे हैैं। इस बीच अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने यूक्रेन को 80 करोड़ डालर (करीब छह हजार करोड़ रुपये) की नई सैन्य सहायता देने का एलान किया है।
रूस ने अमेरिकी सैन्य सहायता के मद्देनजर यूक्रेन में हमले और तेज करने का फैसला किया है। इसके तहत उसने बीते 24 घंटे में यूक्रेन में टैक्टिकल ग्रुप की चार और बटालियन तैनात की हैैं। इनमें एक बटालियन डोनबास इलाके में तैनात की गई है। टैक्टिकल ग्रुप की बटालियन में अत्याधुनिक हथियारों के साथ कमांडो होते हैैं। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि रूस ने ऐसी 78 बटालियन पूर्वी और दक्षिणी यूक्रेन में तैनात की हैैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने यूक्रेन के लिए 80 करोड़ डालर (करीब छह हजार करोड़ रुपये) की नई सैन्य सहायता का एलान किया। इस बार की सहायता में भारी तोपें, 1,44,000 गोले और अत्याधुनिक ड्रोन शामिल होंगे। ताजा सहायता को मिलाकर अमेरिका ने युद्धकाल में यूक्रेन को 2.6 अरब डालर (करीब 20 हजार करोड़ रुपये) की सैन्य सहायता दी है और दे रहा है। बाइडन ने कहा कि अमेरिकी संसद ने मार्च में यूक्रेन के लिए छह अरब डालर की सैन्य और मानवीय सहायता स्वीकृत की थी। ताजा सैन्य सहायता भी उसी का हिस्सा है। स्वीकृत राशि की ज्यादातर सहायता दी जा चुकी है। इसलिए यूक्रेन को नई मानवीय और सैन्य सहायता के लिए अगले सप्ताह सरकार एक बार फिर संसद में प्रस्ताव पेश करेगी। 24 फरवरी को रूसी हमला शुरू होने से पहले ही अमेरिका, ब्रिटेन और सहयोगी देशों ने यूक्रेन को हथियार भेजने शुरू कर दिए थे। उन्हीं हल्के मिसाइल सिस्टमों के बल पर यूक्रेन के सैनिक रूसी सेना को आगे बढ़ने से रोकने में सफल रहे थे। रूस के साथ युद्ध में करीब 30 देशों ने यूक्रेन को सैन्य सहायता दी है। इनमें सर्वाधिक सहायता अमेरिका ने दी है।