राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा परिषद (NRSC) की हाल में हुई बैठक में सड़क हादसों में कमी लाने के लिए कामर्सियल वाहनों में ऑन बॉर्ड स्लीप डिटेक्शन सेंसर लगाने का फैसला लिया गया है। सेंसर लगाने से जैसे ही ड्राइवरों को नींद के झटके आएंगे सेंसर के जरिए अलार्म बज जाएगा। अलार्म के बजते ही ड्राइवरों की नींद खुल जाएगी और वह किसी हादसे से बच सकेंगे।
गौर हो कि हर साल सड़क हादसों में करीब डेढ़ लाख लोगों की जान चली जाती है। इस नीति को लागू करने का उददेश्य सड़क पर अधिक से अधिक लोगों की जान बचाना है। इसके लिए सरकार ने यूरोपीय मानकों के अनुरूप वाणिज्यिक वाहनों में ऑन-बोर्ड स्लीप डिटेक्शन सेंसर शामिल करने की नीति पर काम करने का निर्देश दिया है। परिवहन मंत्रालय के अधिकारियों को एनआरएससी सदस्यों के साथ मिलकर काम करने और उनके सुझावों को प्राथमिकता से लागू करने का भी निर्देश दिया।
नितिन गडकरी द्वारा ली गई इस बैठक में यह भी निर्देश दिए गए हैं कि ड्राइवरों के वाहन चलाने के घंटे भी तय किए जाना चाहिए। इस समय ट्रक ड्राइवर एक दिन में औसतन 15 घंटे तक ड्राइविंग करते है। ज्यादा देर तक ड्राइविंग करने से निंद और शरीर को पूरा आराम नहीं मिलता है जिसके कारण वाहन हादसे ज्यादा होते है।