छोटी-मोटी जरूरतों के लिए अब आप अपनी बिना परेशान हुए खुद ही पांच सौ रुपये तक आनलाइन ई-स्टांपिग कर सकेंगे। सरकार सेल्फ प्रिंटिंग की अनुमति प्रदान कर रही है। इससे आपको स्टांप पेपर के लिए अब न वेंडर के चक्कर लगाने होंगे और न ही ब्लैक में खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। फर्जी स्टांप पेपर की बिक्री को लेकर तेलगी स्टांप घोटाले के बाद से ही उत्तर प्रदेश सरकार ई-स्टांपिग की दिशा में कदम बढ़ाते हुए पिछले वर्ष से भौतिक स्टांप पेपर मंगाना बंद कर चुकी है। ऐसे में ट्रेजरी से खत्म होते स्टांप पेपर से उनकी किल्लत बढ़ती जा रही है। शपथ पत्र से लेकर रेंट एग्रीमेंट आदि के लिए 10 से 100 रुपये तक के स्टांप पेपर तीन से पांच गुना ज्यादा मूल्य पर ब्लैक में बेचे जा रहे हैं।
स्टाक होल्डिग कारपोरेशन आफ इंडिया के माध्यम से किसी भी वैल्यू तक की ई-स्टांपिग के लिए अब स्टांप वेंडर अधिकृत हैं, लेकिन वे भी कम मूल्य के ई-स्टांप प्रिंट करने में दिलचस्पी नहीं दिखाते, क्योंकि 100 रुपये के ई-स्टांप पर उन्हें बतौर कमीशन 11.5 पैसे ही मिलते हैं। ऐसे में उप्र सरकार ने अब अधिकतम 500 रुपये तक के ई-स्टांप छापने की अनुमति सभी को दे दी है। इस संबंध में स्टांप आयुक्त मिनिस्ती एस. ने एक आदेश जारी किया है। आदेश के मुताबिक, कोई भी व्यक्ति नेट बैंकिग, डेबिड कार्ड या यूपीआइ के जरिए स्टांप शुल्क का भुगतान कर कहीं से भी सीआरए की वेबसाइट पर जाकर आनलाइन ई-स्टांपिग मॉड्यूल के तहत अब 500 रुपये तक के ई-स्टांप प्रमाण पत्र खुद प्रिट (80 जीएसएम एक्जीक्यूटिव बांड पेपर) कर सकेगा। सेल्फ प्रिंटिंग में धोखाधड़ी रोकने के लिए स्टाक होल्डिंग कारपोरेशन आफ इंडिया को सुरक्षा के सभी पहलुओं को देखने के निर्देश दिए गए हैं। ऐसे में हैकिग आदि के निगरानी सिस्टम को अनिवार्य रूप से सुनिश्चित कर खुद ई-स्टांप प्रिट करने की सुविधा मार्च के पहले सप्ताह से मिलने की उम्मीद जताई गई है।
वेबसाइट के आनलाइन ई-स्टांपिग सिस्टम में पहले-पहल कराए गए पंजीयन के सत्यापन के बाद आपको यूजर आइडी और पासवर्ड बनाना होगा। इससे लाग इन करके राज्य, अनुच्छेद (शपथ पत्र, सामान्य अनुबंध, अप्रेंटिसशिप पत्र, नामांकन का प्रमाण पत्र, प्रति, क्षतिपूर्ति बांड, लेटर आफ लाइसेंस, बिल या नोट का प्रोटेस्ट, जमानती बांड आदि स्टांप शुल्क की राशि, दोनों पक्षों का ब्योरा देने के साथ ही यह भी बताना होगा कि किस उद्देश्य से ई-स्टांप ले रहे हैं। इस तरह प्रिट किए गए ई-स्टांप प्रमाण पत्र का अनिवार्य रूप से सत्यापन वेबसाइट या ई-स्टांपिग मोबाइल एप के जरिए भी किया जा सकेगा।