पौष पूर्णिमा का व्रत कब रखा जाएगा?
पंचांग के अनुसार पौष माह की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 13 जनवरी को सुबह 5:02 बजे से शुरू होकर 14 जनवरी को सुबह 3:56 बजे समाप्त होगी। उदयकाल में पूर्णिमा तिथि 13 जनवरी को होने के कारण व्रत इसी दिन रखा जाएगा।
पौष पूर्णिमा का धार्मिक महत्व
पौष पूर्णिमा के दिन काशी, प्रयागराज और हरिद्वार में शाही स्नान किया जाता है। इस दिन सूर्यदेव और चंद्रदेव की पूजा का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन पूजा करने से मनोवांछित फल प्राप्त होता है। इस बार 13 जनवरी से प्रयागराज में महाकुंभ मेला भी आरंभ होगा।
पौष पूर्णिमा पर करें ये कार्य
-
सूर्योदय से पहले स्नान करें। यदि संभव हो तो किसी पवित्र नदी में स्नान करें।
-
स्नान के बाद सूर्यदेव को जल अर्पित करें।
-
भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करें और पूर्णिमा व्रत कथा का पाठ करें।
-
दान-पुण्य और जरूरतमंदों की मदद करना शुभ फलदायी माना जाता है।