मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने ऐलान किया कि 1961 के बाद राज्य में आए लोगों को बाहर निकाला जाएगा। 1961 के बाद मणिपुर आने और बसने वाले लोगों की पहचान की जाएगी। वे किसी भी जाति या समुदाय के हों, उन्हें बाहर किया जाएगा। सरकार का ये फैसला राज्य के स्थानीय जाति समूहों के लोगों की रक्षा को लेकर उठाए गए कदम के रूप में देखा जा रहा है।
राज्य में मई 2023 से सांप्रदायिक हिंसा जारी है। सीएम बीरेन ने हिंसा के लिए ड्रग माफिया और अवैध प्रवासियों, खासकर म्यांमार के शरणार्थियों को दोषी ठहराया था। केंद्र सरकार ने मणिपुर में 2019 में इनर लाइन परमिट यानी आईएलपी सिस्टम लागू करने की घोषणा की थी। जिस राज्य में आईएलपी लागू होता है, वहां बिना परमिशन के गैर-मूल निवासियों की एंट्री पर रोक होती है। ब्रिटिश शासन के दौरान बंगाल ईस्टर्न फ्रंटियर रेगुलेशन, 1873 के तहत आईएलपी लागू किया गया था।