मुंबई। कोरोना की दूसरी लहर कमजोर पड़ रही है और तीसरी लहर सामने खड़ी है। अभी भी हजारों लोग रोज संक्रमित हो रहे हैं और हजारों ठीक भी हो रहे हैं। ऐसे में जो कोरोना से ठीक हो चुके हैं उनके सामने अब नई मुसीबत आ रही है। हाल ही में म्यूकोरमाइकोसिस (ब्लैक फंगस) के कई मामले सामने आए। वहीं अब एवैस्कुलर नेक्रोसिस यानी बोन डेथ के कुछ मामले पाए गए हैं। एवैस्कुलर नेक्रोसिस में हड्डियां गलने लगती हैं। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि बोन टिशू तक ब्लड ठीक तरीके से नहीं पहुंच पाता। महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में एवैस्कुलर नेक्रोसिस के कम से कम तीन मामले पाए गए हैं. डॉक्टरों की आशंका है कि अगले कुछ समय में यह मामले और बढ़ सकते हैं. ब्लैक फंगस और एवैस्कुलर नेक्रोसिस के मामलों की प्रमुख वजह स्टेरॉयड्स को बताया जा रहा है। बता दें कोविड पेशेंट्स को ठीक करने के लिए कई मामलों में स्टेरॉयड्स का इस्तेमाल किया जाता है। एक रिपोर्ट के अनुसार मुंबई के हिंदुजा अस्पताल में 40 साल की उम्र से कम के तीन मरीजों का इलाज किया गया. यह मामले उनके कोविड से उबरने के बाद सामने आए. माहिम स्थित हिंदुजा अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ संजय अग्रवाल ने कहा, इनको फीमर बोन (जांघ की हड्डी का सबसे ऊंचा हिस्सा) में दर्द हुआ. तीनों मरीज डॉक्टर थे इसलिए उन्हें लक्षण पहचानने में आसानी हुई ऐसे में वह तुरंत इलाज के लिए आए।