भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर बीबीसी की बनाई आपत्तिजनक डाक्यूमेंट्री का विरोध कम नहीं हो रहा है। अब एक आनलाइन याचिका के जरिये इस डाक्यूमेंट्री को बनाने के मामले की स्वतंत्र जांच की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि इस तरह की विवादित डाक्यूमेंट्री बनाकर बीबीसी ने ब्रिटेन के लोक प्रसारणकर्ता की अपनी जिम्मेदारी को भंग किया है।
चेंजडाटआर्ग नाम के संगठन ने 2,500 से ज्यादा लोगों के हस्ताक्षरों वाली इस याचिका में कहा है कि बीबीसी (ब्रिटिश ब्राडकास्टिंग कार्पोरेशन) की इस हरकत की वह कड़े शब्दों में निदा करता है। यह डाक्यूमेंट्री बनाकर बीबीसी के संपादकीय विभाग ने निष्पक्षता के उच्च मानदंडों को तोड़ा है। यह याचिका पिछले सप्ताह बीबीसी की डाक्यूमेंट्री- इंडिया : द मोदी क्वेश्चन, के पहले भाग को देखने के बाद दायर की गई है। डाक्यूमेंट्री के दूसरे भाग का प्रसारण मंगलवार को होना प्रस्तावित है। इस डाक्यूमेंट्री पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई है, जबकि ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने इसे अमर्यादित बताया है।
याचिका में कहा गया है कि बीबीसी बोर्ड मामले की स्वतंत्र जांच के लिए जल्द ही समिति की घोषणा करे और जांच के बाद रिपोर्ट सार्वजनिक करे। याचिका में ब्रिटेन में मीडिया पर नजर रखने वाले स्वतंत्र संगठन आफिस आफ कम्युनिकेशन (ओएफसीओएम) से बीबीसी पर कार्रवाई की मांग की गई है क्योंकि वह प्रसारण के लिए स्तरीय सामग्री का चयन करने में लगातार विफल साबित हो रहा है। भारतीय प्रधानमंत्री पर बनी डाक्यूमेंट्री इसका ताजा उदाहरण है। विदित हो कि ब्रिटेन में बीबीसी की लाइसेंस फीस का भुगतान सरकार करती है।