
निगम चुनाव के नजदीक आते ही शहर में वार्ड की राजनीति बढने लगी है। राजनीति की वजह शहर में कचरा डंपिंग की समस्या है, जो गंभीर रूप से तूल पकड़ते जा रही है। दरअसल छत्रपति शिवाजी वार्ड और महाराणा प्रताप वार्ड में नगर निगम द्वारा गीले और सूखे कचरे को डंप किया जा रहा है, जिससे बदबू और गंदगी फैल रही है। इससे परेशान वार्डवासी इसका विरोध करते हुई नगर निगम आयुक्त को ज्ञापन भी सौंपा था। आयुक्त ने समस्या के निराकरण के लिए सात दिनों का समय मांगा था। सात दिन बीतने के बाद भी कोई समाधान नहीं निकला, जिससे विपक्षी पार्षदों ने वार्डवासियों के साथ मिलकर विरोध किया और कचरा गाड़ियों को रोक दिया।
विरोध के दौरान पार्षदों ने नगर निगम पर आरोप लगाया कि शहर के बाहर कचरा डंप करने की व्यवस्था न करके आबादी के बीच में कचरा डंप कर रहा है, जिससे बीमारियां फैल रही हैं। इसके अलावा, वार्ड में स्थित तालाब को भी कचरे से ढका जा रहा है, जिससे वार्डवासियों का स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है। गंगामुण्डा तालाब में कचरा डंप व अवैध कब्जे को लेकर एनजीटी (राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण) ने इस मामले में नगर निगम को दिसंबर तक अवैध कब्जे और डंप किए गए कचरे को हटाने के निर्देश दिए हैं। महापौर सफीरा साहू ने इस मुद्दे को राजनीतिक रूप से तूल देने का आरोप लगाया है। वहीं, नगर निगम स्वच्छता अभियान की शुरुआत कर रहा है, लेकिन शहर में फैली गंदगी से नगर निगम की स्वच्छता रैंकिंग पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।